हल्द्वानी-हल्द्वानी के वनभूलपुरा मे एक मामला लगभग हर वक़्त चर्चा मे रहता है लगभग इस क्षेत्र का हर इंसान बहुत अच्छी तरह इससे परिचित है। जो इस मामले से मेहरूम है वो सभी आज की स्थिती देख कर वो सभी लोग इस मामले से परिचित हो गये होंगे। यह मामला कोई नया नही है
इस मामले के लिए आज मैने खुद परेशनी को परेशनी समझा। आपको बताता चलू कि हालात बहुत ही नाजुक दिखाई दे रहे है। जल्द से जल्द इस मामले की समस्या का समाधान नहीं निकाला गया तो अभी यह मामला कूड़े को लेकर चर्चा में चल रहा है आने वाले कुछ ही वक़्त में साँस ना ले पाने की वजह से इस दुनिया से रुकसद होने वालो की बढ़ती तादात को लेकर यह मामला फिर सुर्खियाँ बटोरेगा।
आने वाले इस वक़्त का हवाला देखते हुए इस क्षेत्र में रहने वाले हर व्यक्ती का यह कर्तव्य बनता है। कि अब मैं नहीं या फिर यह ट्रंचिंग ग्राउंड, ठान लेना अवश्य है। इस क्षेत्र में रहने वाला प्रत्येक व्यक्ती इस मामले को गंभीरता से लेकर परिस्थिती को समझे पहले यह बाहर तक ही सिमित था परन्तु आज यह घरों में मौत बनकर धुएँ की शक्ल में घुस रहा है

ना जाने अब तक कितने लोग इस धुएँ की वजह से इस दुनिया को अलविदा कह गये और ना जाने कितने लोग अभी और इस धुएँ की वजह से इस दुनिया को अलविदा कहेंगे अलविदा कहने वालो में अधिकतर लोग मरीज़ थे।
यह सोचकर मामले को गंभीरता से नहीं लिया जाता। सोचना यह होगा कि जिस तरह से धुआँ आज घरों में घुस रहा है इंसान को मरीज़ बनने मे वक़्त नहीं लगेगा अगर अब भी इस परेशानी को परेशानी नहीं समझा गया तो आने वाले वक़्त का जायज़ा स्थिति देख कर लिया जा सकता है