रामनगर – रामनगर हिंसा के मुख्य आरोपी और भाजपा नेता मदन जोशी ने आज ऐसा कदम उठाया, जिसने पुलिस की पूरी योजना धरी की धरी रह गई। कई दिन से फरार चल रहे जोशी को पकड़ने के लिए पुलिस ने कोतवाली के बाहर कड़ा जाल बिछा रखा था, लेकिन उन्होंने बेहद अप्रत्याशित तरीके से स्कूटी से सीधे कोतवाली के अंदर पहुंचकर चुपचाप आत्मसमर्पण कर दिया। भनक तक नहीं लगी।
जोशी के सरेंडर की खबर फैलते ही कोतवाली के बाहर भाजपा कार्यकर्ताओं, स्थानीय नेताओं और विधायक दीवान सिंह बिष्ट की भीड़ जुट गई। विधायक बिष्ट ने कहा कि मदन जोशी पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता और पूर्व मंडल अध्यक्ष हैं, उन्होंने हमेशा कानून का सम्मान किया है और आज कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए स्वयं समर्पण किया है।
इससे पहले मदन जोशी ने एक वीडियो जारी कर खुद को निर्दोष बताया था। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ दर्ज मुकदमे गलत और राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं। साथ ही मुख्यमंत्री से निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके परिवार को बेवजह प्रताड़ित किया है। वीडियो में जोशी ने कहा“मेरे लिए परिवार से ऊपर राष्ट्र है… जनता का आशीर्वाद मेरे साथ है… जल्द जेल से बाहर आकर जन सेवा जारी रखूंगा।
क्या है पूरा मामला?
23 अक्टूबर को रामनगर के छोई क्षेत्र में बरेली से मीट लेकर लौट रहे चालक नासिर हुसैन पर भीड़ ने हमला कर दिया था। उसकी बेरहमी से पिटाई की गई और वाहन में तोड़फोड़ की गई। गंभीर रूप से घायल नासिर की पत्नी नूरजहां की तहरीर पर पुलिस ने कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया।

इस प्रकरण में अब तक पुलिस 5 नामजद समेत लगभग 15 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। बीते सोमवार को उत्तराखंड हाइकोर्ट ने मदन जोशी की अग्रिम जमानत अर्जी भी खारिज कर दी थी, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी किसी भी वक्त होने की संभावना थी।
लेकिन आज जोशी ने पुलिस की घेराबंदी को स्कूटी के जरिए चकमा देकर, सीधे कोतवाली में आत्मसमर्पण कर सबको चौंका दिया। यहां बताते चलें उकसावे में घटना ने बड़ा रूप लिया इस मामले में बेवजह फंसे और अब जमानत पर बाहर आए नाबालिग बच्चे डरे हुए हैं। अपने आने वाले कल यानी भविष्य को लेकर उनके अभिभावकों के मन में भी चिंताएं हैं कि आगे क्या होगा।

