उत्तराखण्ड ज़रा हटके रुद्रपुर

रुद्रपुर में संस्कृति, साहित्य और राष्ट्रभक्ति का संगम विराट कवि सम्मेलन में कवियों ने बांधा समां….

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रुद्रपुर – जनता इंटर कॉलेज का विशाल प्रांगण रविवार की रात कविताओं की स्वर-लहरियों से गूंज उठा, जब उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस, राष्ट्र के अमर शहीदों और महान पुरुषों की स्मृति में एक भव्य विराट कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ।

रात से लेकर सुबह साढ़े चार बजे तक चला यह आयोजन न केवल एक काव्यिक उत्सव था, बल्कि साहित्य, संस्कृति और देशभक्ति का जीवंत संगम भी बन गया।

हजारों श्रोता कवियों की आवाज़ में गूंजी वीरता, प्रेम, हास्य और समाज पर तीखे व्यंग्य सुनते हुए भावनाओं में डूबे रहे। तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा परिसर लगातार गूंजता रहा और माहौल उत्साह, गर्व और राष्ट्रभावना से भर गया।

दीप प्रज्वलन के साथ हुआ शुभारंभ

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि वरिष्ठ उद्योगपति एवं समाजसेवी शिव कुमार और आर्य प्रतिनिधि सभा उत्तराखंड के अध्यक्ष एडवोकेट डी.पी. यादव ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।

इसके उपरांत सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत हुई। मंच पर उपस्थित अतिथियों और आमंत्रित कवियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।

पूरे कार्यक्रम का संचालन प्रसिद्ध हास्य कवि दिनेश बावरा ने किया, जिन्होंने अपने व्यंग्य और हास्य के तड़के से मंच की गरिमा और ऊर्जा बनाए रखी।

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कवियों की प्रस्तुति ने बांधा समां

काव्य पाठ की शुरुआत गौरी मिश्रा ने मधुर स्वर में सरस्वती वंदना से की, जिसने श्रोताओं को श्रद्धा और भक्ति से भर दिया। इसके बाद हिमांशु शंकर ने ओजस्वी पंक्तियों के साथ मंच पर देशभक्ति की ज्वाला प्रज्वलित की —

“एक लक्ष्मण, एक सीता, एक दीपक आस का,
एक भोगी और भी है राम के वनवास का।”

इसके बाद शंभू शिखर ने अपनी मशहूर चुटीली शैली में राजनीतिक व्यंग्य प्रस्तुत करते हुए सभागार को ठहाकों से भर दिया —

“उत्तर प्रदेश आना ट्रंप सोच-समझकर,
योगी जी तुम्हें ट्रंप से तिवारी न कर दे।”

मंच संचालक दिनेश बावरा ने आधुनिक समाज पर व्यंग्य करते हुए कहा —

“इस दुनिया को खतरा न चीन से है, न पाकिस्तान से,
इस दुनिया को सबसे बड़ा खतरा आज की तारीख में मोबाइल से है।”
उनकी इन पंक्तियों पर सभागार में हंसी और सोच दोनों के स्वर गूंज उठे।

गौरी मिश्रा ने देवभूमि उत्तराखंड की प्राकृतिक सौंदर्य और आस्था का चित्र खींचते हुए कहा —

“कृपा ईश्वर ने बरसाई है सारी देव भूमि पर,
कई झीलें, कई नदियां उतारी देव भूमि पर।”
उनकी कविताओं ने श्रोताओं को अध्यात्म, प्रकृति और काव्य की कोमलता का एहसास कराया।

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सुदीप भोला ने करुण रस की गहराई में उतरते हुए विभाजन की त्रासदी पर कहा —

“लुटा मां बहनों का सिंदूर, आस्थाएं थीं चकनाचूर,
किसी को किया गया मजबूर, किसी ने किया नहीं मंज़ूर…”
उनकी इन पंक्तियों ने सभागार को मौन कर दिया।

अमित शर्मा ने सिख समाज के बलिदान और गौरव को नमन करते हुए कहा —

“सिखों के एहसान हैं इतने, कैसे कलम चलाऊंगा,
सातों सागर स्याही कर दूं, फिर भी न लिख पाऊंगा।”
इसके बाद उन्होंने “रामराज्य आ गया” कविता सुनाकर वातावरण में नया जोश भर दिया।

जब वीर रस के प्रख्यात कवि डॉ. हरिओम पंवार मंच पर आए, तो पूरा सभागार देशभक्ति की भावना से झूम उठा।
उनकी प्रसिद्ध पंक्तियों —

“उन आंखों की दो बूंदों से सातों सागर हारे हैं,
जब मेहंदी वाले हाथों ने मंगलसूत्र उतारे हैं।”
— ने हर श्रोता को गर्व और भावनाओं से भर दिया।

हास्य के जाने-माने कवि प्रताप सिंह फौजदार ने अपनी विशिष्ट शैली में कहा —

“आदत से हैं हम पूरे लाचार,
कटाक्ष करते हैं हंसते हुए यार,
बिन कहे कर देते हैं वार…”
उनकी प्रस्तुति पर श्रोता देर तक हंसते रहे।

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नवोदित कवयित्री काव्या जैन ने अपनी देशभक्ति से लबरेज़ प्रस्तुति से सबका दिल जीत लिया। उन्होंने कहा —

“हर गीत मातृभूमि को समर्पित, यह मेरी पहचान है,
उम्र भले कम है, पर दूर तक मेरा नाम है।”
उनकी प्रस्तुति पर सभागार तालियों से गूंज उठा।

कविता बनी समाज की आवाज़

कार्यक्रम के संयोजक एवं पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल ने सभी कवियों, अतिथियों और श्रोताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन न केवल साहित्य और संस्कृति को सशक्त करते हैं, बल्कि समाज को एकता, राष्ट्रप्रेम और सकारात्मक सोच की दिशा देते हैं।
उन्होंने कहा —

“कविता केवल भावनाओं की अभिव्यक्ति नहीं, बल्कि समाज के हृदय की धड़कन है। आज की यह रात रुद्रपुर की सांस्कृतिक आत्मा में नई चेतना जगाकर जाएगी।”

कार्यक्रम में किच्छा विधायक तिलक राज बेहड़, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के श्रीमान डाल चंद, राज्य के वरिष्ठ समाजसेवी, उद्योगपति, शिक्षाविद्, कवि और युवा वर्ग बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

राष्ट्रीय चेतना मंच के अध्यक्ष संजय ठुकराल और संयोजक राजकुमार ठुकराल के नेतृत्व में कार्यक्रम को बेहतरीन ढंग से संपन्न कराया गया।