काशीपुर – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज काशीपुर स्थित ननकाना साहिब बड़ा गुरुद्वारा पहुंचे। उन्होंने गुरुद्वारा में मत्था टेका और प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर आयोजित शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, अमृतसर द्वारा निकाले गए शहीदी नगर कीर्तन की संगत का उन्होंने स्वागत किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह नगर कीर्तन यात्रा केवल आस्था का नहीं बल्कि एकता और गुरु साहिब के संदेश को जन-जन तक पहुँचाने का पवित्र अभियान है। उन्होंने गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति दी और अन्याय के आगे कभी सिर नहीं झुकाया, इसी कारण उन्हें “हिंद दी चादर” कहा जाता है।
धामी ने कहा कि गुरु परंपरा वास्तव में “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की जीवंत परंपरा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सिख समाज के लिए किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि करतारपुर साहिब कॉरिडोर, हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना, 1984 दंगा पीड़ितों को न्याय और “वीर बाल दिवस” जैसे निर्णय इसी श्रृंखला की कड़ी हैं।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में लैंड जिहाद, धर्मांतरण और अवैध मदरसों के खिलाफ की गई सख्त कार्रवाई का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने मदरसा बोर्ड को समाप्त कर अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण बनाने का निर्णय लिया है ताकि सभी समुदायों को समान अवसर मिल सके। आने वाली पीढ़ियों को संस्कृति और धर्म से जोड़ने के लिए विद्यालयों में गुरबाणी और गुरुओं का संदेश भी सुनाया जाएगा।
धामी ने घोषणा की कि 24 नवंबर को गुरु तेग बहादुर जी के 350वें बलिदान दिवस को भव्य रूप से मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की यह पावन धरा सदैव से संस्कृति और परंपराओं की धारा रही है और प्रदेश सरकार इन्हें संरक्षित और समृद्ध करने के लिए संकल्पबद्ध है।
इस अवसर पर विधायक त्रिलोक सिंह चीमा, मेयर दीपक बाली, दर्जा राज्यमंत्री अनिल कपूर डब्बू, पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा सहित अनेक जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद रहे।