उत्तराखंड परिवहन निगम मुख्यालय द्वारा प्रस्तावित उस डिपो व्यवस्था का कड़ा विरोध शुरू हो गया है, जिसमें नगरों के संचालन को समाप्त अथवा कम करने की बात कही गई है। कुमाऊँ परिक्षेत्र के रोडवेज कर्मचारियों ने इसे जनहित और निगम हित के विपरीत बताते हुए स्पष्ट कहा कि प्रस्तावित डिपो शिफ्टिंग से क्षेत्र में परिवहन सेवाएँ प्रभावित होंगी और कर्मचारियों का कार्यक्षेत्र भी अनावश्यक रूप से बदलेगा।
पत्र में उल्लेख है कि निगम मुख्यालय द्वारा जो प्रस्ताव भेजा गया, उसमें कई नगरों के संचालन को बंद करने या कम करने की बात कही गई है, जिसे कुमाऊँ मंडल ने पूरी तरह अस्वीकार कर दिया है। इससे पूर्व इस प्रस्ताव पर मुख्यालय की बैठक में भी कई आपत्तियाँ दर्ज की गई थीं, जिन पर उचित विचार नहीं किया गया।
कर्मचारियों का कहना है कि मुख्यालय द्वारा पहले मांगे गए पुनरीक्षण के लिए उपलब्ध कराए गए तथ्यों के आधार पर भी किसी तरह का बदलाव उचित नहीं है। मंडल का तर्क है कि पहले से संचालित पदों को समाप्त करना न तो निगम के हित में है और न ही जनता की आवश्यकता के अनुरूप।
कुमाऊँ मंडल ने स्पष्ट कहा है कि प्रस्तावित डिपो व्यवस्था अंतिम रूप से लागू होने से पहले विस्तृत अध्ययन और क्षेत्रीय आवश्यकताओं को समझना जरूरी है। मंडल ने यह भी आग्रह किया है कि यदि कोई बैठक आयोजित होती है तो उसमें मंडल की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए ताकि सभी बिंदुओं पर खुलकर चर्चा हो सके।

