रुद्रपुर – प्रसार प्रशिक्षण केंद्र रुद्रपुर में आयोजित तीन दिवसीय जिला प्रक्रिया लैब का समापन तराई केंद्रीय वन प्रभागीय अधिकारी यू.सी. तिवारी ने प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरित कर किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ग्रामीण सहभागिता सिद्धांत का मुख्य उद्देश्य यही है कि योजनाएँ ग्रामीणों की आवश्यकताओं के अनुरूप उन्हीं के द्वारा बनाई जाएं।
कार्यक्रम में जनजाति मंत्रालय के डिप्टी डायरेक्टर मुकुंद बिहारी ने बताया कि आदि कर्मयोगी अभियान का लक्ष्य सेवा, संकल्प और समर्पण की भावना से अंतिम पायदान पर खड़े जनजातीय भाई-बहनों का उत्थान करना है। इसके तहत समस्याओं की पहचान कर विभागीय सहयोग और समन्वय से कार्य योजनाएँ बनाई जा रही हैं।
यह तीन दिवसीय प्रशिक्षण समाज कल्याण विभाग उधम सिंह नगर द्वारा जनजातीय मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किया गया। इसमें ब्लॉक स्तरीय रेखीय विभागों के कार्मिकों को जनजातीय बाहुल्य ग्रामों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने हेतु क्षमता संवर्धन कराया गया।

समाज कल्याण अधिकारी अमन अनिरुद्ध ने बताया कि गांव की कार्ययोजना सामुदायिक सहभागिता सिद्धांत पर आधारित होगी। वहीं राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर किशोर जी ने ग्रामीण आवश्यकताओं की पहचान और प्राथमिकता तय कर योजनाओं में शामिल करने का कौशल सिखाया।
प्रशिक्षण के दौरान एसडीओ वन विभाग मनिंदर कौर ने प्रशिक्षण मॉड्यूल व आवश्यक कौशल की जानकारी दी। जिला स्तरीय मास्टर प्रशिक्षकों में एसीएमओ डॉ. एस.पी. सिंह, सुभाष अनेजा, के.बी. सिंह बिष्ट, सुभाष गंगोला, हेमा तिवारी, हिमांशु चौहान तथा सहायक समाज कल्याण अधिकारी विक्की कुमार शामिल रहे।
इसके अतिरिक्त इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल डेवलपमेंट की परियोजना निदेशक बिंदुवासिनी भी मौजूद रहीं। जिला स्तरीय प्रशिक्षण लैब में खटीमा, सितारगंज, बाजपुर एवं गदरपुर ब्लॉक के अधिकारी और कर्मचारी शामिल हुए।