बाजपुर- बाजपुर के 20 गांव की 5838 एकड़ भूमि के भूमि धरी अधिकारों को लेकर तहसील परिसर में चल रहे भूमि बचाओ आंदोलन को 5 महीने पूरे होने जा रहे हैं। गत आठ दिसंबर को सरकार द्वारा गठित की गई पांच सदस्यीय कमेटी कि आगामी गतिविधियों को लेकर आंदोलनकारीयों की निगाहें लगी हुई हैं। कमेटी गठन के दो सप्ताह बीत जाने पर भी अभी तक कमेटी की बैठक के तय न होने से आंदोलनकारी किसान मजदूर व्यापारी चिंतित है।
आंदोलनकारीयों का कहना है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मजबूत आश्वासन के बावजूद भी अभी तक गठित कमेटी द्वारा कोई पहल नहीं की गई है जो गंभीर चिंता का विषय बना है क्योंकि लंबे समय से बाजपुर के हजारों परिवार न्याय की राह देख रहे हैं। भूमि धरी अधिकार को लेकर किसान आंदोलनकारियों ने सीएम पुष्कर सिंह धामी से न्याय की गुहार लगाई गई थी। सीएम पुष्कर सिंह धामी के द्वारा अब तक 20, गांव भूमि बचाओं के किसान आंदोलनकारियों को भूमि धरी अधिकार का मालकाना हक उनको नही मिल पाया है
आंदोलन स्थल पर आज इसी विषय पर गंभीर चिंतन मनन होता रहा। वही बाजपुर के प्रतिष्ठित पूनिया परिवार की बहन मनु पूनिया अपने बच्चों द्वारा आंदोलन के समर्थन में बनाए गए पोस्टर लेकर आंदोलन स्थल पर पहुंची और आंदोलन कार्यों का उत्साह वर्धन किया। सभी आंदोलनकारीयों ने आंदोलन में हौसला होंसलफजई के लिए पुनिया परिवार का आभार व्यक्त किया। आंदोलन स्थल पर भूमि बचाओ मुहिम के संयोजक जगतार सिंह बाजवा, आयोजक रजनीत सिंह सोनू, किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष करम सिंह पड़ा,

अभिरूप सिंह पूनिया,.हरविंदर सिंह बराड़, राजेंद्र गिल राजू , हरदेव सिंह, मलूक सिंह, गुरविंदर सिद्धू , मनिंदर खेड़ा, जसजीत भुल्लर, देवेश प्रताप सिंह, राज किशोर सिंह, मनदीप सिंह, सिकंदर सिंह, आदि मौजूद रहे। क्रमिक अनशन लगातार जारी आज भी बैठे पांच किसान भूमि बचाओ आंदोलन में क्रमिक अनशन जारी है आज पांच किसान शेर सिंह, अमरनाथ शर्मा, जसवीर सिंह, जसपाल सिंह व हरदेव सिंह को भूमि बचाओ मुहिम के संयोजक जगतार सिंह बाजवा व किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष करम सिंह पड़ा ने माल्यार्पण कर बैठाया यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने दिया
समर्थन यूथ कांग्रेस के विधानसभा अध्यक्ष अराज सिद्धू के नेतृत्व में सैकड़ो युवाओं ने आंदोलन स्थल पर पहुंचकर भूमि बचाओ आंदोलन को समर्थन दिया और युंका नेता अराज सिद्धू ने कहा कि बाजपुर का युवा बाजपुर के अस्तित्व की लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है जब तक भूमिधरी अधिकार नहीं मिल जाते तब तक किसान आंदोलन को पूर्ण समर्थन जारी रखा जाएगा।