काशीपुर – दीपावली के पश्चात आने वाला स्नेह और प्रेम का पर्व भैयादूज आज पूरे क्षेत्र में बड़े उत्साह और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया गया। सुबह से ही शहर का माहौल पारिवारिक स्नेह और उमंग से भर गया। बहनों ने अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना की, वहीं भाइयों ने भी बहनों को उपहार और मिठाई देकर स्नेह का प्रतीक भेंट किया।
कई बहनें दूर-दराज़ के शहरों से अपने भाइयों से मिलने काशीपुर पहुँचीं और तिलक कर गोला भेंट किया। घर-घर में पारंपरिक व्यंजन बने और भाई-बहन के रिश्ते का यह पावन दिन हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
पौराणिक मान्यता के अनुसार, कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन यमराज अपनी बहन यमुना के घर गए थे, जहाँ बहन ने उनका आदरपूर्वक स्वागत किया, तिलक किया और उनके दीर्घायु होने की प्रार्थना की। इससे प्रसन्न होकर यमराज ने वरदान दिया कि जो भी भाई-बहन इस दिन स्नेहपूर्वक तिलक करेंगे, उनके जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहेगी।

इसके अलावा, एक अन्य कथा के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध करने के बाद इसी दिन अपनी बहन सुभद्रा के घर आगमन किया था, जहाँ सुभद्रा ने तिलक कर उनके दीर्घायु होने की कामना की थी। शहरभर में इस पावन पर्व की रौनक देखने लायक रही — मिठाइयों की दुकानों पर भीड़ रही, बाजारों में रौनक दिखाई दी और हर घर में प्रेम और आशीर्वाद का माहौल बना रहा।