देहरादून – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त निर्देशों के बाद गड्ढामुक्त सड़क अभियान को हल्के में लेने वाले अफसरों पर सरकार ने सीधी कार्रवाई शुरू कर दी है। सरकार ने अल्मोड़ा जिले के रानीखेत निर्माण खंड में तैनात प्रभारी अभियंता विजेंद्र सिंह मेहर और सहायक अभियंता के.के. पांडेय को गलत रिपोर्ट भेजने और सड़क मरम्मत में गंभीर लापरवाही बरतने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
शासन ने स्पष्ट किया है कि दोनों अधिकारियों को निलंबन अवधि में क्षेत्रीय कार्यालय, अल्मोड़ा से संबद्ध रखा जाएगा। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री के गड्ढामुक्त सड़क अभियान में किसी भी स्तर पर लापरवाही या फर्जी रिपोर्टिंग को लेकर शून्य सहनशीलता नीति का प्रत्यक्ष उदाहरण है।
मुख्यमंत्री धामी ने सभी जिलाधिकारियों और विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया था कि राज्य की सभी सड़कों को शीघ्र गड्ढामुक्त किया जाए। इसके लिए संबंधित विभागों से नियमित रिपोर्ट भी मांगी जा रही थी। हालांकि, प्रमुख अभियंता द्वारा मौके पर किए गए अचानक निरीक्षण में कई गड़बड़ियां सामने आईं।

जांच में पाया गया कि पंतगांव–रौलापानी रोड, भिकियासैंण–बिनायक रोड, और भिकियासैंण बाजार–बाड़ीकोट पुल मार्ग पर विभागीय रिकार्ड में दर्ज पैच रिपेयर प्लान के अनुसार कोई कार्य वास्तविक रूप से नहीं किया गया था। वहीं, अभिलेखों में गलत जानकारी दर्ज कर शासन को सुधार कार्य का दावा भेजा गया।
प्रमुख अभियंता की तथ्यात्मक रिपोर्ट के आधार पर शासन ने दोनों अभियंताओं पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश जारी किया।
यह कार्रवाई साफ संकेत देती है कि राज्य सरकार अब जनहित से जुड़े कार्यों में किसी भी प्रकार की ढिलाई, फर्जीवाड़ा या लापरवाही को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी। मुख्यमंत्री धामी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि “गड्ढामुक्त सड़क” अभियान प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है, और किसी भी स्तर पर जनता को भ्रमित करने वाली रिपोर्टिंग या गुणवत्ता से समझौते को लेकर कठोरतम कदम उठाए जाएंगे।

