रुद्रपुर – मीटिंग में शाह ने बताया कि दिसंबर 2023 के ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में हस्ताक्षरित ₹3.56 लाख करोड़ के एमओयू में से ₹1 लाख करोड़ का निवेश जमीन पर उतर चुका है। इससे 81,000 प्रत्यक्ष और 2.5 लाख अप्रत्यक्ष नौकरियां सृजित हुईं ।
उन्होंने कहा कि निवेश पहाड़ी प्रदेश में उतारना “पहाड़ चढ़ने जैसा कठिन” होता है, और इस उपलब्धि के लिए उन्होंने राज्य की जनता के प्रतिनिधि के रूप में सीएम धामी की सराहना की शाह ने कहा कि ‘दबल‑इंजन’ सरकार (मोदी‑धामी) के तहत उत्तराखंड में उद्योग, पर्यटन, स्वास्थ्य, शिक्षा और अवसंरचना में ठोस प्रगति हो रही है
राजनीतिक समीकरण

- अमित शाह की सोशल मीडिया पोस्ट और खुली सराहना से यह संकेत मिला कि सिर्फ PM मोदी ही नहीं, बल्कि भाजपा के सिद्धांतों और नेतृत्व के प्रमुख चेहरे अमित शाह के बीच भी धामी के प्रति गहरा भरोसा है।
- इससे राज्य और केंद्र की भाजपा इकाइयों में धामी का राजनीतिक पावर-बेस और मजबूत हुआ माना जा रहा है।
- यह भाजपा के भीतर संभावित नेतृत्व बदलाव या समर्थन के संकेत भी दे सकता है, क्योंकि प्रदेश स्तर पर शाह की तारीफ से अन्य दावेदारों पर दबाव बढ़ सकता है।
विश्लेषण
- इस प्रशंसा को सिर्फ कार्यक्रम की औपचारिकता न मानकर, इसे राजनीतिक संदेश की दृष्टि से देखना उचित है।
- शाह ने विशेष रूप से “पहाड़ चढ़ने जैसा” टिप्पणी करके धामी के नेतृत्व की मुश्किल परिस्थिति में भी उपलब्धि की ओर इशारा किया, जो आम तौर पर मान्यता से परे रणनीतिक समर्थन की ओर संकेत करती है।
- सोशल मीडिया पर यह साफ तौर से प्रचारित किया गया कि राज्य की जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने में सीएम का सक्रिय योगदान है, जिससे धामी की राजनीतिक इमेज और मजबूत हुई है।
अमित शाह की यह तारीफ साफ संकेत है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को मोदी के अलावा शाह का भी समर्थन हासिल है। निवेश और विकास के इस सार्वजनिक मंच ने केवल आर्थिक उपलब्धि नहीं, बल्कि राजनीतिक पावर बिल्डिंग की नींव भी रखी है। इससे यह माना जा सकता है कि भाजपा के शीर्ष स्तर पर धामी की भूमिका और भी सशक्त हो सकती है।