उत्तराखण्ड ज़रा हटके रानीखेत

घटिया निर्माण पर भड़के ग्रामीण, कहा गुणवत्ता के बिना नहीं होगा सड़क निर्माण कार्य जारी….

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अधौड़ा/रानीखेत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के अंतर्गत चल रहे छिड़ाकानअमजडअधौड़ा सड़क निर्माण कार्य की घटिया गुणवत्ता को लेकर ग्रामीणों में नाराजगी बढ़ गई है। इसी को लेकर अधौड़ा, डूंगरी और डालकन्या क्षेत्र के ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों की एक संयुक्त बैठक आयोजित की गई, जिसमें निर्माण कार्य की गुणवत्ता और तकनीकी खामियों पर गंभीर चर्चा की गई। बैठक में पूर्व प्रमुख राज्य आंदोलनकारी हरीश पनेरु, प्रधान प्रतिनिधि अधौड़ा बबलू महरा, ग्राम प्रधान डूंगरी दीपक भट्ट, सरपंच प्रतिनिधि अधौड़ा भगवान महरा और सरपंच प्रतिनिधि डूंगरी कैलाश भट्ट सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।

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बैठक में सहायक अभियंता एन.सी. उपाध्याय, जूनियर इंजीनियर अमित बोरा और ठेकेदार सुरेंद्र ढेक भी मौजूद रहे। ग्रामीणों ने बैठक के दौरान निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सड़क निर्माण कार्य तभी जारी रहेगा जब सुधारात्मक कदम तुरंत उठाए जाएंगे। आपसी सहमति से निर्णय लिया गया कि जहां सोलिंग खराब हो चुकी है, उसे तुरंत ठीक किया जाए। डामरीकरण कार्य पूरी तकनीकी प्रक्रिया के तहत हो — जिसमें पानी का पर्याप्त छिड़काव, रोलर का सही उपयोग और गर्म कोलतार डालने के बाद ही डामर बिछाने की प्रक्रिया अपनाई जाए। इसके अलावा पुरानी दीवारों की मरम्मत को प्राथमिकता दी जाए तथा कमजोर बेस वाली दीवारों को मानक के अनुरूप दोबारा बनाया जाए।

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ग्रामीणों ने यह भी कहा कि सड़क पर डाला जाने वाला डामर गुणवत्ता युक्त और मानक के अनुसार होना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि तय समय में सुधार नहीं किया गया तो निर्माण कार्य को तत्काल रोक दिया जाएगा। ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि क्षेत्र में केवल गुणवत्तापूर्ण और पारदर्शी निर्माण कार्य ही स्वीकार्य होगा और किसी भी प्रकार की लापरवाही या घटिया कार्यशैली बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

बैठक में धर्मानंद शर्मा (सेवानिवृत्त ईओ), नंदन महरा (पूर्व सरपंच), जीवन कांडपाल (पूर्व प्रधान प्रतिनिधि), कमल शर्मा (पूर्व सरपंच), चंदू रावत, आदर्श कांडपाल, दिगंबर महरा, कमल पनेरु, रमेश शर्मा, गोपाल महरा, धर्म सिंह महरा, विपिन पनेरु, पंकज परगांई, राजू पनेरु और दीवान राम सहित क्षेत्र के अनेक ग्रामीण मौजूद रहे।

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ग्रामीणों ने कहा कि यह सड़क क्षेत्र की जीवनरेखा है, जिससे दर्जनों गांव जुड़े हैं। इसलिए इसकी गुणवत्ता पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। सभी ने सहायक अभियंता और ठेकेदार से पारदर्शी, मानक अनुरूप और टिकाऊ निर्माण कार्य सुनिश्चित करने की मांग की।