संपादक शेर अफगान
उधमसिंह नगर (रुद्रपुर/हल्द्वानी) – कुमाऊँ में टैक्स चोरी के मामले अब नए रूप में तेज़ी पकड़ रहे हैं — और इसके केंद्र उधम सिंह नगर का रुद्रपुर बनता जा रहा है। स्थानीय सूत्रों और व्यापारियों का आरोप है कि बड़ी मात्रा में बिना बिल और कागज़ात के माल रुद्रपुर के गोदामों में उतारा जा रहा है, जिसे बाद में छोटी गाड़ियों से बांटकर हल्द्वानी सहित कुमाऊँ के अलग-अलग हिस्सों में बेखौफ़ पहुंचाया जा रहा है।
यहाँ उठने वाले कुछ मुख्य प्रश्न हैं —
क्या उधम सिंह नगर में हो रही इस सक्रिय लूटपाट की जानकारी विभाग के पास नहीं थी? अगर थी तो क्या कारण है कि बड़े पैमाने पर छापेमारी या गोदामों की निगरानी नहीं की गई? और सबसे महत्वपूर्ण: क्या संचरण-मार्गों पर कोई सिस्टमिक दोष है जो टैक्स चोरी को प्रोत्साहित कर रहा है? क्या विभाग को समय पर सूचनाएँ मिली थीं? मिली तो कार्रवाई क्यों नहीं हुई? और यदि सूचनाएँ नहीं मिलीं तो विभागीय सतर्कता में क्या कमी रही? सूत्र इन सवालों का जवाब चाहिए बताते हुए मांग कर रहे हैं कि रुद्रपुर के गोदामों, लोडिंग-ट्रांसशिपिंग रूटों और संबंधित नियंत्रण बिंदुओं की तुरंत स्वतंत्र और प्रभावी जाँच हो।

सूत्रों का कहना है कि यह व्यवस्थित गतिविधि कथित रूप से डिप्टी कमिश्नर (SIB/प्रवर्तन) व सचल दल की नज़रों के बिल्कुल नीचे हो रही है — और इसके बावजूद प्रभावी दबिश या निरोधक कार्रवाइयां दिखाई नहीं दे रही हैं। रुद्रपुर व हल्द्वानी रूटों पर सतर्कता बढ़ने के बाद भी, स्रोतों का आरोप है कि टैक्स चोरी का प्रवाह लगातार जारी रहा, जिससे यह आशंका और गहरी हुई है कि कहीं प्रशासनिक लापरवाही या व्यवस्थागत असमर्थता तो जिम्मेदार नहीं।
सूत्रों का साफ़ कहना है कि यदि तत्काल सख्ती न की गई तो राज्य के राजस्व व स्थानीय बाजारों को भारी नुकसान होगा। अधिकारी स्तर पर जवाबदेही तय करने और ठोस कार्रवाई की माँग तेज़ हो रही है।