हल्द्वानी – फर्जी स्थायी निवास प्रमाणपत्र प्रकरण सामने आने के बाद हल्द्वानी प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हो गया है। इसी क्रम में बुधवार दोपहर जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल के निर्देश पर राजस्व और प्रशासनिक अधिकारियों की संयुक्त टीम ने तहसील परिसर का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान स्टांप वेंडरों द्वारा नियम विरुद्ध डीड राइटिंग, पेटिशन ड्राफ्टिंग और अभिलेखों की हेरफेर सहित कई अनियमितताएं उजागर हुईं।
निरीक्षण में मौजूद एसडीएम राहुल शाह ने बताया कि छापेमारी के दौरान स्टांप वेंडरों को अवैध रूप से डीड राइटिंग और पेटिशन तैयार करते पाया गया, जबकि यह कार्य केवल अधिकृत व्यक्तियों को ही करने की अनुमति है। अनिवार्य रजिस्टरों का रखरखाव भी सही नहीं मिला। वहीं, परिसर में मौजूद कुछ अनाधिकृत व्यक्तियों के पास आवेदकों के व्यक्तिगत दस्तावेज पाए गए, जो गंभीर अनियमितता मानी जाती है।
इसी के साथ डीड राइटरों और पेटिशन राइटरों द्वारा राइट टू सर्विस (RTS) के आवेदन भरने जैसी गड़बड़ियाँ भी सामने आईं, जिसे नियमों के विरुद्ध बताया गया। सभी अनियमितताओं को ध्यान में रखते हुए एसडीएम ने 15 व्यक्तियों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण तलब किया है। उनकी भूमिका और कार्यप्रणाली की अलग-अलग जांच भी शुरू कर दी गई है।

निरीक्षण के दौरान टीम ने डीड राइटर, स्टांफ़, वेंडर, पेटिशन राइटर और नोटरी अधिवक्ताओं से बातचीत कर स्पष्ट निर्देश दिए कि भविष्य में किसी भी प्रकार की अवैध, अनधिकृत या अनुचित गतिविधि कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एसडीएम ने कहा कि तहसील परिसर में कार्य पारदर्शिता और विधि के अनुरूप होना अनिवार्य है।
उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में भी इसी प्रकार की जांच और प्रवर्तन कार्रवाई जारी रहेगी, जिसके लिए एक विशेष टीम गठित की गई है। एसडीएम ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई व्यक्ति अवैध गतिविधियों में लिप्त पाया गया तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी, और आवश्यक होने पर डीड राइटर/पेटिशन राइटर लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई भी की जाएगी।

