काठगोदाम – पुलिस ने मानवता और संवेदनशीलता की मिसाल पेश करते हुए एक लावारिस बालिका को उसके परिजनों से सकुशल मिलाया। जानकारी के अनुसार, वीआईपी कार्यक्रम के दौरान काठगोदाम पुलिस टीम को नारीमन तिराहा क्षेत्र में लगभग 14 से 15 वर्ष की एक बालिका अकेली घूमती हुई मिली। पुलिस ने जब बालिका से पूछताछ की तो उसने अपना नाम सुहानी और पिता का नाम नरेश बताया, लेकिन पता पूछने पर वह स्पष्ट जानकारी नहीं दे सकी। बालिका मानसिक रूप से अस्वस्थ प्रतीत हो रही थी, जिसके बाद पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए उसकी सुरक्षा के लिए उसे नारी निकेतन हल्द्वानी में दाखिल कराया।
इसके साथ ही पुलिस ने बालिका के परिजनों की तलाश शुरू की। कई घंटों की मेहनत, लगातार खोजबीन और समर्पित प्रयासों के बाद पुलिस को 07 नवम्बर 2025 को सफलता मिली। काठगोदाम पुलिस ने बालिका के परिजनों की पहचान जयवंती देवी पत्नी स्वर्गीय नरेश निवासी पीलीभीत, थाना सुगड़ी, उत्तर प्रदेश के रूप में की। बालिका के परिजनों से संपर्क स्थापित करने के बाद सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी कर बालिका सुहानी को उसकी मां जयवंती देवी और भाई अमित कश्यप के सुपुर्द किया गया।
अपनी बेटी से मिलते ही परिजनों की आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े। उन्होंने काठगोदाम पुलिस की संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया। पुलिस की इस मानवीय पहल की स्थानीय लोगों और परिजनों ने जमकर प्रशंसा की। थाना प्रभारी ने कहा कि हर बच्चे की सुरक्षा पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता है, और बालिका को उसके परिवार तक सुरक्षित पहुंचाना विभाग के लिए गर्व की बात है। काठगोदाम पुलिस की इस त्वरित और संवेदनशील कार्रवाई ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि उत्तराखंड पुलिस केवल कानून-व्यवस्था की रक्षक नहीं, बल्कि मानवता और संवेदना की भी सच्ची प्रतीक है।


