रुद्रपुर – काकोरी एक्शन के 100 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर चल रहे काकोरी एक्शन शताब्दी अभियान का सातवां दिन रुद्रपुर में उत्साह और जोश के साथ मनाया गया। अभियान की शुरुआत 1 अगस्त को फिरोजपुर (पंजाब) से हुई थी, जो राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली होते हुए उत्तराखंड पहुंचा है। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में यात्रा आहूजा धर्मशाला से गांधी पार्क और मुख्य बाजार होते हुए भगत सिंह चौक पहुंची, जहां सभा आयोजित की गई। दूसरे सत्र में खेड़ा स्थित शहीद अशफ़ाक उल्ला खां पार्क में सभा हुई, जिसके बाद जुलूस निकाला गया। वक्ताओं ने काकोरी कांड की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, असहयोग आंदोलन की वापसी के बाद उपजी निराशा और अंग्रेजी हुकूमत को दी गई क्रांतिकारी चुनौती पर प्रकाश डाला।
वक्ताओं ने शहीद अशफ़ाक उल्ला खां और राम प्रसाद बिस्मिल की साझी शहादत और विरासत को आज के समय में आगे बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने वर्तमान दौर में पूंजी की लूट, धार्मिक नफरत की राजनीति और फासीवादी हमलों के खिलाफ मेहनतकश जनता की एकजुटता और समतामूलक समाज निर्माण के संघर्ष को तेज करने की आवश्यकता पर जोर दिया। अभियान के दौरान सुधीर विद्यार्थी द्वारा लिखित पुस्तिका “काकोरी का यदनाम: साझी शहादत, साझी विरासत” और “हमारी विरासत : शहीदों की कलम से कुछ नज़्म” लोगों में वितरित की गई।
कार्यक्रम में सीएसटीयू के मुकुल, इंकलाबी मजदूर केंद्र के दिनेश, समाजवादी लोक मंच के जमन राम, भाकपा माले के ललित मटियाली, मज़दूर संघर्ष संगठन के सूरज, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के शिव देव सिंह, पार्षद अशफ़ाक उल्ला खां, समाजसेवी उमर भाई सहित कई संगठनों और यूनियनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। अभियान का अगला पड़ाव 8 अगस्त को शहीद अशफ़ाक उल्ला खां की मजार, शाहजहांपुर में होगा, जहां मुख्य वक्ता सुधीर विद्यार्थी होंगे। समापन 9 अगस्त को काकोरी (लखनऊ) में काकोरी एक्शन दिवस पर होगा।
