हल्द्वानी – शहर के आंतरिक मार्गों और संकरी गलियों में डंपरों और भारी वाहनों की लगातार आवाजाही ने स्थानीय लोगों, खासकर स्कूल आने–जाने वाली महिलाओं और बच्चों के लिए खतरे की स्थिति पैदा कर दी है। बिना किसी समय-सीमा और निगरानी के दौड़ते ये भारी वाहन सिर्फ ट्रैफिक जाम ही नहीं, बल्कि संभावित दुर्घटनाओं का बड़ा कारण बन रहे हैं। महिलाओं का कहना है कि स्कूल समय में डंपरों की आवाजाही प्रतिबंधित नहीं हुई तो किसी भी दिन गंभीर हादसा हो सकता है।
दमुवादूंगा, भोटियापड़ाव, शीशमहल, राजपुरा, नवाबी रोड और शहर के कई इलाकों में रोजाना हजारों बच्चों को स्कूल लाने–ले जाने वाली महिलाएं लगातार भय के माहौल में चल रही हैं। महिलाओं ने कहा कि जब वे बच्चों के साथ सड़क पार करती हैं, ठीक उसी समय भारी गति से गुजरते डंपर डर पैदा करते हैं। कई बार तो इतनी तेज रफ्तार में ये वाहन गलियों में घुसते हैं कि छोटे बच्चे और महिलाएं किनारे तक नहीं हो पाते।
दमुवादूंगा निवासी जयश्री ने बताया कि आंतरिक मार्गों में डंपरों की लगातार आवाजाही से बच्चों को सुरक्षित ले जाना मुश्किल हो जाता है। “स्कूल समय में इनका आना–जाना पूरी तरह बंद होना चाहिए। रफ्तार पर भी कड़ा नियंत्रण जरूरी है।” भोटियापड़ाव की ममता का कहना है कि गलियों में पहले ही वाहन अधिक रहते हैं, ऐसे में डंपरों के चलते भारी जाम लग जाता है और बच्चों को समय पर स्कूल पहुँचाना मुश्किल हो जाता है।

दो नहरिया निवासी प्रेमा बृजवाल ने कहा कि अधिकांश स्कूल मुख्य सड़कों के किनारे हैं, और अक्सर डंपर तेज रफ्तार में गुजरते हैं। उन्होंने मांग की कि “स्कूलों के बाहर सुबह और शाम ट्रैफिक पुलिस की तैनाती आवश्यक है।” राजपुरा की सरस्वती देवी ने कहा कि शहर की अंदरूनी सड़कों में डंपरों की आवाजाही से यातायात बाधित होता है और हादसों का खतरा बना रहता है। “इन वाहनों का समय तय होना चाहिए और निगरानी कड़ी होनी चाहिए।”
शीशमहल निवासी पूनम ने कहा कि भारी वाहनों की रफ्तार इतनी तेज रहती है कि बच्चों को स्कूल ले जाते समय हर पल डर बना रहता है। हल्द्वानी की कंचन ने कहा कि दिनभर भारी वाहनों की आवाजाही पैदल चलने वालों के लिए जोखिम भरी साबित हो रही है। “डंपरों का समय रात में तय कर देना चाहिए।” दमुवादूंगा की कविता ने कहा कि अक्सर महिलाएं ही बच्चों को स्कूल छोड़ने जाती हैं, लेकिन गलियों में तेज रफ्तार से आने वाले डंपर हर दिन दुर्घटना की आशंका बढ़ा देते हैं।
नवाबी रोड की गोविंदी देवी का कहना है कि डंपरों के तेज हॉर्न और भारी रफ्तार के कारण बच्चों को लेकर चलना बेहद कठिन हो जाता है। उन्होंने कहा कि “महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए इन वाहनों पर तत्काल नियंत्रण जरूरी है।”
हल्द्वानी की महिलाओं ने एक स्वर में प्रशासन से स्कूल समय में डंपरों पर पूर्ण प्रतिबंध, रफ्तार नियंत्रण,
अंदरूनी गलियों में भारी वाहनों की एंट्री रोके जाने,
और ट्रैफिक पुलिस की तैनाती की मांग की है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि जल्द कदम नहीं उठाए गए, तो यह लापरवाही किसी बड़ी दुर्घटना में बदल सकती है।

