देहरादून – उत्तराखंड में गवाहों की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। राज्य कैबिनेट ने रविवार को बैठक में उत्तराखंड साक्षी संरक्षण अधिनियम 2020 को रद्द करने का प्रस्ताव मंजूर कर लिया है। इसके स्थान पर अब साक्षी संरक्षण योजना लागू की जाएगी।
मौजूदा अधिनियम दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत प्रभावी था, लेकिन गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार इसे और सशक्त रूप में लागू करना चाहती है। इसी कड़ी में मानसून सत्र में सरकार उत्तराखंड साक्षी संरक्षण अधिनियम (निरसन) विधेयक पेश करेगी।
कानून विशेषज्ञों का मानना है कि नई योजना गवाहों को अधिक सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराने और आपराधिक मामलों में न्याय प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाने का कार्य करेगी।
