उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर में हुई दुखद भगदड़ के एक दिन बाद प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु सख्त निर्देश जारी किए हैं। रविवार की सुबह मंदिर की सीढ़ियों पर अफवाह फैली कि कहीं बिजली का तार गिर गया है, जिससे लोगों में अचानक भय और अफरातफरी मच गई। इस अफरातफरी में कम से कम 8 श्रद्धालुओं की मौत और लगभग 30 लोग घायल हुए। घटनास्थल की संकरी सीढ़ियाँ और मार्ग भीड़‑भाड़ से दबी पड़ी थीं, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई ।
गृह विभाग की तत्काल बैठक में मुख्यमंत्री ने पूरे उत्तराखंड के प्रमुख तीर्थस्थलों, जिनमें मनसा देवी, चंडी देवी, पर्णागिरि धाम, कैंची धाम, जागेश्वर धाम, नीलकंठ महादेव मंदिर शामिल हैं, पर श्रद्धालुओं के प्रवेश को उनकी धारण क्षमता के अनुसार ही नियंत्रित करने हेतु स्पष्ट निर्देश दिए। इसके लिए भक्त पंजीकरण, छंटनी-प्रवेश व्यवस्था, पैदल मार्गों व सीढ़ियों का विस्तारीकरण, अतिक्रमण हटाना और सभी आधारभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना प्राथमिकता रहेगी ।
उन्होंने गढ़वाल एवं कुमाऊँ संभागों में विशेष मॉनिटरिंग समिति गठित करने के निर्देश दिए, जिनकी अध्यक्षता संभागीय आयुक्त करेंगे तथा इसमें जिलाधिकारी, एसएसपी, विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और अन्य संबंधित तंत्र शामिल होंगे। मुख्यमंत्री ने इसके अंतर्गत मंदिर परिसर के विकास और व्यवस्थित दर्शन व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक योजना तैयार करने को भी कहा तथा मृतकों के परिजनों को दो लाख रुपये, और घायल श्रद्धालुओं को ₹50,000 की राहत राशि देने की घोषणा की
