हल्द्वानी – उत्तराखंड राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष (25वीं वर्षगांठ) के अवसर पर हल्द्वानी महानगर एवं जिला कांग्रेस कमेटी ने “रजत जयंती गौरव दिवस” बड़े उत्साह और सम्मान के साथ मनाया। इस अवसर पर राज्य निर्माण आंदोलन में शामिल रहे वीर आंदोलनकारियों का शॉल ओढ़ाकर और माल्यार्पण कर अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन स्वराज आश्रम, कांग्रेस भवन हल्द्वानी में किया गया, जहाँ कांग्रेसजनों, जनप्रतिनिधियों और आंदोलनकारियों की भारी उपस्थिति रही।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश, महानगर अध्यक्ष एडवोकेट गोविंद सिंह बिष्ट, जिलाध्यक्ष राहुल छिमवाल तथा महिला महानगर अध्यक्ष मधु सांगूड़ी उपस्थित रहे। इस अवसर पर राज्य आंदोलनकारियों को सम्मानित करते हुए कांग्रेस नेताओं ने उनके संघर्ष, समर्पण और बलिदान को याद किया।
विधायक सुमित हृदयेश ने कहा कि उत्तराखंड राज्य की स्थापना अनेकों आंदोलनकारियों के लंबे संघर्ष और मातृशक्ति की अमूल्य भागीदारी का परिणाम है। उन्होंने कहा कि यह दिवस न केवल राज्य निर्माण के नायकों के योगदान को नमन करने का अवसर है, बल्कि युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है। उन्होंने कहा कि “उत्तरांचल से उत्तराखंड तक की 25 वर्षों की यात्रा राज्य निर्माण की भावना के अनुरूप नहीं रही। न पलायन रुका, न रोजगार बढ़ा बल्कि अफसरशाही और तानाशाही में बढ़ोतरी हुई है।”

महानगर कांग्रेस अध्यक्ष एडवोकेट गोविंद सिंह बिष्ट ने कहा कि यह समय आत्ममंथन का है कि जिस सोच और उद्देश्य के साथ पृथक राज्य की मांग उठी थी, क्या वह आज पूरी हो पाई? क्या आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखंड बना? उन्होंने कहा कि आज भी जनता की समस्याएँ वही हैं, जिनसे निजात पाने के लिए अलग राज्य की मांग उठी थी।
जिला कांग्रेस अध्यक्ष राहुल छिमवाल ने कहा कि 25 वर्ष पूर्व जिन परिस्थितियों में पृथक राज्य की आवश्यकता महसूस हुई थी, आज भी हालात लगभग वैसे ही हैं। बेरोजगारी, पलायन और आर्थिक असमानता जैसे मुद्दे आज भी बरकरार हैं। उन्होंने कहा कि अब समय है कि राज्य की मूल भावना को फिर से जीवंत किया जाए और जनता के सपनों को साकार करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएँ।
कार्यक्रम में प्रमुख राज्य आंदोलनकारी डॉ. केदार पलड़िया, हेमंत बगड़वाल, ललित जोशी, जगमोहन चिलवाल, जगमोहन बगड़वाल और कैलाश शाह ने राज्य आंदोलन के संघर्ष, उसकी पृष्ठभूमि और वर्तमान हालातों पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण केवल एक राजनीतिक उपलब्धि नहीं, बल्कि जनशक्ति और त्याग की मिसाल है।
इस अवसर पर विजय सिजवाली, सुनील पंत, गोविंद नागिला, भुवन तिवारी, राजेंद्र खनवाल, डॉ. बालम बिष्ट, ललित कांडपाल, दिनेश तिवारी, आशा रावत, जानकी जोशी, कमला बिष्ट, माया देवी, पुष्पा भट्ट, कांति देवी, मोहनी रावत, भगवान सिंह, बनवंत राणा, नारायण सिंह, गंगा सिंह, पुष्पा बिष्ट, कमला जोशी आदि आंदोलनकारियों का सम्मान किया गया।
कार्यक्रम में सुहैल सिद्दीकी, नरेश अग्रवाल, मलय बिष्ट, डॉ. मयंक भट्ट, मधु सांगूड़ी, भागीरथी बिष्ट, राधा आर्य, जया कर्नाटक, गीता बहुगुणा, रत्ना श्रीवास्तव, नितिन भट्ट, हेम पांडे, धर्मवीर भारती, गुरप्रीत सिंह, सतनाम सिंह चटवाल, नवीन सांगूड़ी, प्रदीप नेगी, संजय जोशी, खीमानंद पांडे, मनोज भट्ट, अरमान खान सहित अनेक कांग्रेसजन उपस्थित रहे।
अंत में सभी ने राज्य निर्माण के संघर्ष से जुड़े संस्मरण साझा किए, राज्य शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और आंदोलनकारियों के योगदान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। कार्यक्रम का समापन “जय उत्तराखंड” के गगनभेदी नारों के साथ हुआ।

