हल्द्वानी – आठवें वेतन आयोग में पेंशनर्स के हितों के संरक्षण की मांग को लेकर हल्द्वानी में सैकड़ों सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने एकजुट होकर आवाज बुलंद की। सेवानिवृत्त कार्मिक समन्वय समिति के नेतृत्व में पेंशनरों ने जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया। यह ज्ञापन सीटी मजिस्ट्रेट गोपाल सिंह चौहान को सौंपा गया, जिन्होंने इसे उच्च स्तर तक भेजने का आश्वासन दिया।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत कोतवाली परिसर में पेंशनर्स डे का आयोजन किया गया, जिसके बाद बड़ी संख्या में पेंशनर समिति के बैनर तले एकत्र हुए। पेंशनरों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि आठवें वेतन आयोग में उनके हितों की अनदेखी की गई तो वे लोकतांत्रिक और संगठित तरीके से विरोध करेंगे।
समिति के संरक्षक पी.सी. जोशी और मुख्य संयोजक नवीन कांडपाल के नेतृत्व में वक्ताओं ने कहा कि पेंशन किसी भी कर्मचारी की आजीवन अर्जित सुरक्षा है और इसमें कटौती या असमानता किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं होगी। उन्होंने मांग की कि आठवें वेतन आयोग में पेंशन निर्धारण, महंगाई भत्ता (डीए), पारिवारिक पेंशन और समानता के सिद्धांत को प्राथमिकता दी जाए।

ज्ञापन सौंपने वालों में एस.सी. पंत, ललित लोहनी, लीलाधर पांडे, विजय तिवारी, रमेश चंद्र पांडे, पान सिंह मेहरा, जे.सी. पंतोला, बी.एस. गैड़ा, जे.एस. खोलिया, जी.वी. सौराड़ी, सुधीर पांडे, एस.के. नैय्यर, वी.पी. साह सहित बड़ी संख्या में पेंशनर शामिल रहे। महिला प्रतिनिधियों में पुष्पा भट्ट, मीना, मुन्नी, निर्मला जोशी, धना दे उपा और धर्मा नेगी भी सक्रिय रूप से मौजूद रहीं।
पेंशनरों ने कहा कि वेतन आयोग की सिफारिशें केवल कार्यरत कर्मचारियों तक सीमित न रहकर उन सेवानिवृत्त कर्मियों के लिए भी न्यायपूर्ण होनी चाहिए, जिन्होंने अपने जीवन के बहुमूल्य वर्ष राष्ट्र सेवा में लगाए हैं।

