हरिद्वार – रविवार सुबह लगभग 9 बजे, हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर की संकरी पैदल मार्ग पर एक अफवाह ने अचानक भगदड़ को जन्म दे दिया, जिससे छह से आठ श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत हुई और करीब 28–35 लोग घायल हो गए। घटना की शुरुआत तब हुई जब किसी ने मंदिर की सीढ़ियों पर बिजली की तार टूट जाने या करंट आने की अफवाह फैला दी, जिससे भारी भीड़ में भीषण भीड़-घुसपैठ और तनाव का माहौल बन गया
UPCL की जांच रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया कि घटनास्थल पर इस्तेमाल की जाने वाली केवल पूर्णतः इंसुलेटेड लो-टेंशन लाइनों हैं और किसी प्रकार का करंट रिसाव नहीं हुआ; अफवाह केवल भीड़ में भय को बढ़ाने वाला कारक सिद्ध हुई। वहीं पुलिस प्रशासन और स्थानीय सक्रियों ने भीड़ नियंत्रण की विफलता, अवैध दुकानों की भारी संख्या (लगभग 200 से अधिक), तथा पुलिस तैनाती व मार्ग प्रबंधन की कमी को घटना के मुख्य कारणों में से एक माना है ।
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन, पुलिस और आपातकालीन सेवाएं मौके पर पहुंचीं। प्रशासन ने तुरंत मजिस्ट्रियल जांच का आदेश दिया, जबकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मृतकों के परिवारों को ₹2 लाख और घायलों को ₹50,000 की आर्थिक सहायता की घोषणा की है। साथ ही अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही गई और सभी तीर्थस्थलों पर भविष्य में भीड़ प्रबंधन की गहन समीक्षा की निर्देश दिए गए हैं ।

घटना का मंजर भयावह था: चश्मदीदों ने बताया कि संकरी, केवल लगभग 5 फीट चौड़ी मार्ग पर तीन-तीन हजारों श्रद्धालु एक साथ सीमित जगह में फंसे हुए थे, अचानक अफवाह फैलते ही लोग फंस गए, गिरने लगे, चीख-पुकार मच गई और कई की जान चली गई ऐसे में भीड़ नियंत्रण की व्यवस्था और मंदिर मार्गों की संरचना पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।