बागेश्वर – जिलाधिकारी आकांक्षा कोंडे की अध्यक्षता में शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिले की नदियों के संरक्षण, स्वच्छता और पुनरुद्धार से संबंधित विभागीय कार्यों की विस्तृत समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को गंगा और अन्य नदियों को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि नदियों को स्वच्छ रखना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए सीवरेज, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और स्वच्छता व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है। उन्होंने बागेश्वर नगर क्षेत्र की सीवरेज प्रणाली के निर्माण हेतु अधिशासी अभियंता, जल निगम को आगामी 30 वर्षों की संभावित जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए विस्तृत डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने ईओ बागेश्वर को निर्देशित किया कि पगना में प्रस्तावित कूड़ा निस्तारण स्थल के निर्माण कार्य को शीघ्र गति प्रदान की जाए और पुराने निस्तारण स्थल को तुरंत खाली कराया जाए। साथ ही इस कार्य की दैनिक प्रगति रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जाए।

उन्होंने सभी अधिशासी अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिले में स्वच्छता व्यवस्था को और सुदृढ़ किया जाए, घर-घर और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से कूड़ा संग्रहण सुनिश्चित किया जाए तथा नदियों में कूड़ा फेंकने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसे स्थलों को चिन्हित किया जाए जहाँ नदी तटों पर अपशिष्ट डाला जा रहा है, और इस पर निगरानी एवं दंडात्मक कार्रवाई की जाए ताकि नदियों का प्रदूषण रोका जा सके।
बैठक में नमामि गंगे परियोजना अधिकारी विवेक परिहार ने जानकारी दी कि बागेश्वर नगर की सीवरेज प्रणाली निर्माण हेतु 349.17 लाख रुपये की स्वीकृति राज्य सेक्टर नागर योजना के अंतर्गत प्राप्त हो चुकी है।
जिलाधिकारी ने कहा कि स्वच्छता और नदी संरक्षण केवल सरकारी जिम्मेदारी नहीं, बल्कि जनभागीदारी से ही गंगा और अन्य नदियों को पुनर्जीवित किया जा सकता है। उन्होंने अधिकारियों से सामाजिक संगठनों, स्थानीय निकायों और ग्राम सभाओं को इस मुहिम से जोड़ने के निर्देश दिए। बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी आदित्य रत्ना, मुख्य विकास अधिकारी आर.सी. तिवारी, अपर जिलाधिकारी एन.एस. नबियाल, तथा संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

