काशीपुर – अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर चामुंडा विहार स्थित अनमोल फाउंडेशन दिव्यांग बाल गृह में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य दिव्यांग बच्चों के अधिकारों, शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता को बढ़ावा देना रहा।
कार्यक्रम का शुभारंभ विधायक त्रिलोक सिंह चीमा, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उधम सिंह नगर के सचिव योगेंद्र कुमार सागर, आरएसएस के जिला प्रचारक सौरभ, और अनमोल फाउंडेशन बाल गृह की मुख्य कार्यकारी अधिकारी मीनाक्षी चौहान द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया गया। इस अवसर पर दिव्यांग बच्चों ने मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं, जिनमें उनके आत्मविश्वास और प्रतिभा की झलक स्पष्ट दिखाई दी।
विधायक त्रिलोक सिंह चीमा ने अनमोल फाउंडेशन द्वारा दिव्यांग बच्चों के पुनर्वास और शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि संस्था द्वारा किए जा रहे प्रयास समाज के लिए प्रेरणादायक हैं।

कार्यक्रम के दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव योगेंद्र सागर ने उपस्थित बच्चों और उनके अभिभावकों को नालसा स्कीम 2025, RPWD अधिनियम 2016 (Rights of Persons with Disabilities Act) और दिव्यांग जनों के लिए उपलब्ध निशुल्क कानूनी सहायता व सरकारी सुविधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने सभी दिव्यांग बच्चों को पुरस्कृत भी किया।
खंड शिक्षा अधिकारी धीरेन्द्र साहू ने अपने संबोधन में शिक्षा के अधिकार (Right to Education) के महत्व पर चर्चा की और कहा कि शिक्षा ही दिव्यांग बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने का सबसे बड़ा साधन है।
इस अवसर पर प्रज्ञा अस्पताल, काशीपुर से आए डॉ. ईश्वर चंद्र अग्रवाल और डॉ. नम्रता अग्रवाल ने दिव्यांग बच्चों और उनके अभिभावकों को स्वास्थ्य संबंधी परामर्श और नियमित देखभाल के सुझाव दिए।
अनमोल फाउंडेशन के मुख्य ट्रस्टी राम सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि संस्था द्वारा संचालित यह बाल गृह 11 से 18 वर्ष तक के दिव्यांग बच्चों के लिए समर्पित है, जहां उन्हें शिक्षा, चिकित्सा, पुनर्वास और मानसिक विकास से जुड़ी सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।
कार्यक्रम के अंत में विशेष शिक्षा में दो वर्ष का डिप्लोमा उत्तीर्ण करने वाले मेधावी छात्र भारती शर्मा, काव्या चौहान और आशुतोष गोसाई को सम्मानित किया गया। उन्हें योगेंद्र सागर और धीरेन्द्र साहू द्वारा प्रशस्ति पत्र और पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया गया।

