किच्छा – इन्टरार्क मजदूर संगठन के धरने के 400 दिन पूरे होने पर और उत्तराखंड में बढ़ रही बेरोजगारी और भ्रष्टाचार को लेकर समाजसेवी सुब्रत कुमार विश्वास, मजदूर और महिलाएं एक दिवसीय भूख हड़ताल पर किच्छा इन्टरार्क कंपनी गेट के धरना स्थल पर बैठे और सरकार की बढ़ती भ्रष्टाचार और अराजकता को रोकने के लिए देश की युवाओ, महिलाओं और गरीब वर्ग को एक मंच पर उतरना होगा। उत्तराखंड भर्ती घोटाले पर सरकार चुप बैठी है और मजदूर कंपनियों के गेट पर धरना देने के लिए मजबूर और शासन के लोगों ने मारपीट कर उनका दमन कर रही है पूंजीपतियों से सरकार का सीधा गठबंधन कहीं ना कहीं देश के मजदूरों का शोषण चरम सीमा पर है
कुछ दिनों पहले किच्छा कंपनी गेट पर मजदूरों को और समाजसेवियों को बेरहमी से पुलिस द्वारा मारा और पीटा गया जिसमें समाजसेवी सुब्रत विश्वास के पैरों में गंभीर चोट आई।प्रशासन द्वारा कोई भी जांच नहीं की गई । सुब्रत विश्वास ने का मजदूरों की मांग जल्द से जल्द पूरी नहीं हुई तो किच्छा बरेली एनएच रोड जाम करने के लिए मजबूर होंगे अनिश्चितकाल के लिए जिसका जिम्मेदार शासन प्रशासन होगा। शासन प्रशासन द्वारा मजदूरों का दमन बर्दाश्त नहीं।