उत्तराखण्ड ज़रा हटके देहरादून

सीएम धामी बोले “आपकी जड़ों में बसी है उत्तराखंड की आत्मा, मिलकर बनाएंगे स्वर्णिम राज्य”….

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देहरादून – उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती वर्षगांठ के अवसर पर राजधानी देहरादून में आयोजित दूसरे प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन ने एकता, भावना और उत्तराखंडियत की गूंज से माहौल को जीवंत कर दिया। इस अवसर पर देश-विदेश से पहुंचे सैकड़ों प्रवासी उत्तराखंडियों ने अपनी मातृभूमि से जुड़ाव और विकास में योगदान देने का संकल्प लिया।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि “आप सभी प्रवासी उत्तराखंडी राज्य की आत्मा और असली ताकत हैं। आप जहां भी हैं, उत्तराखंड की संस्कृति, परंपरा और मूल्यों को जीवित रखे हुए हैं। अब समय है कि हम सब मिलकर आने वाले 25 वर्षों में उत्तराखंड को भारत का अग्रणी और आदर्श राज्य बनाएं।”

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मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्रवासी उत्तराखंडियों को राज्य के विकास से जोड़ने के लिए कई पहलें कर रही है। ‘अपना घर उत्तराखंड योजना’, ‘एक जनपद दो उत्पाद’, ‘मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना’ जैसी योजनाओं के माध्यम से न केवल निवेश के अवसर बढ़ रहे हैं, बल्कि रोजगार और स्वरोजगार के नए द्वार भी खुल रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार चाहती है कि प्रवासी उत्तराखंडी अपने गांवों में लौटें, वहां निवेश करें और अपने अनुभव से पहाड़ की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाएं।

सम्मेलन में प्रवासियों ने अपने अनुभव साझा किए और प्रदेश के विकास में हर संभव योगदान देने की इच्छा जताई। उन्होंने पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य और उद्योग क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने प्रवासी उत्तराखंडियों से अपील की कि वे राज्य की संस्कृति और परंपरा को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने में अपनी भूमिका निभाएं।

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कार्यक्रम में उत्तराखंड की लोकसंस्कृति की अद्भुत झलक देखने को मिली। पारंपरिक नृत्य, लोकगीत और वाद्य संगीत ने सभागार को ‘उत्तराखंडियत’ की भावना से भर दिया। मंच पर जब ढोल-दमाऊं की थाप और झोड़ा-चांचरी की लय बजी तो दर्शक भावुक होकर झूम उठे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूरे होना केवल जश्न का नहीं बल्कि आत्ममंथन का समय भी है। “हम सबको मिलकर यह संकल्प लेना होगा कि अगले 25 वर्षों में उत्तराखंड को स्वच्छ, सशक्त और आत्मनिर्भर राज्य बनाएंगे।”

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