दिल्ली- केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती के 140 वें बलिदान दिवस पर आर्य समाज डेरावाल नगर दिल्ली में भव्य समारोह का आयोजन किया गया। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि महर्षि दयानंद ने वैचारिक क्रांति का शंखनाद किया और लोगों की सोचने समझने की दिशा ही बदल डाली।
वह महान क्रान्तिकारी थे उन्होंने बड़े ही साहस के साथ कुरीतियों व पाखंड पर कुठाराघात किया। स्वतंत्रता संग्राम में भी उनका उल्लेखनीय योगदान रहा स्वामी जी से प्रेरणा लेकर हजारों नौजवान आजादी की लड़ाई में कूद पड़े।आज भी स्वामी दयानन्द जी के विचार प्रासंगिक है और उन्हें जीवन में अपनाने की आवश्यकता है।उन्होंने समग्र क्रांति का शंखनाद किया और हर चीज को तर्क की कसौटी पर उतारने का मापदंड दिया।
उन्हें वेदो वाला ऋषि भी कहा जाता है उन्होंने लुप्त हुए वेदों को जर्मनी से मंगा कर पुनर्स्थापित किया।स्वामी जी ने कहा कि कोई कितना ही करे पर “स्वदेशी राज्य सर्वोत्तम” है।फिरोजपुर पंजाब से पधारे गायक विजय आनन्द आर्य, पिंकी आर्य,नरेश खन्ना,दया आर्य,विजय पाहुजा,प्रवीण आर्य गाजियाबाद आदि ने मधुर गीत सुनाए।कार्यक्रम का शुभारंभ आचार्य अखिलेश त्रिपाठी ने यज्ञ करवा कर किया।आचार्य महेन्द्र भाई ने कुशल संचालन किया।
समारोह की अध्यक्षता आर्य नेता ओम प्रकाश सपरा (प्रधान उत्तरी दिल्ली वेद प्रचार मंडल) ने की व आर्य नेता अविनाश चुग ने आभार व्यक्त किया।प्रमुख रूप से विधायक अखिलेश त्रिपाठी,पूर्व विधायक डॉ.महेन्द्र नागपाल,पार्षद योगेश वर्मा, यशपाल आर्य,विकेश सेठी ,हास्य योग गुरु जीतेन कोहि आदि उपस्थित थे।
समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए 15 महिलाओं को आर्य रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया।आर्य नेता यशोवीर आर्य,आचार्य गवेन्द्र शास्त्री रामकुमार आर्य , देवेन्द्र भगत,सन्तोष शास्त्री,वेद प्रकाश आर्य ,सुरेश आर्य डिम्पल भंडारी, सुषमा पाहुजा,अमर नाथ बत्रा, आदर्श आहूजा ,अमर सिंह आर्य,अरुण आर्य, सौरभ गुप्ता, भोलानाथ शास्त्री, सीमा ढींगरा आदि उपस्थित थे।