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10 अक्टूबर को हर साल मनाया जाता है वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे….

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रुद्रपुर- हर साल 10 अक्टूबर को वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे मनाया जाता है.इस संबंध में नागरिक चिकित्सालय खटीमा की ओर से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम बी एवम हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर नौगवां ठग्गू द्वारा राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज चारुबेटा  में किशोर किशोरियों के साथ एक गोष्ठी का आयोजन कर मनाते हुए,इस दिन को मनाने का मकसद बताया गया जिसमे लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है.

 

ताकि लोग इस पर खुल कर बात कर सकें. आरबीएसके टीम बी के महिला चिकित्साधिकारी  डॉ शैलजा त्रिपाठी द्वारा इस दिवस के इतिहास के बारे में बताते हुए कहा कि इस दिन को मनाने की शुरुआत सबसे पहले संयुक्त राष्ट्र (United Nation) में की गई थी. उसके बाद इसको लेकर देश-विदेश में लोगों को जागरूक किया जाने लगा. ताकि लोगों को इसके बारे में पता चले कि मेंटल हेल्थ को खुश रहना और किसी को अगर हेल्प की जरूरत हो तो उसकी मदद की जा सके.

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इसकी शुरुआत संयुक्त राष्ट्र (United Nation) के उप महासचिव रिचर्ड हंटर और वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ ने मिलकर की थी. उन्हें ऐसा लगा कि इसको लेकर अवेयरनेस कैंपेन चलाना काफी जरूरी है. इसके शुरुआत के समय वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ में करीब 150 लोग थे. हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर नौगवां ठग्गू के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी कविता बिष्ट द्वारा इस वर्ष 2023 वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे की थीम “मेंटल हेल्थ इज ए यूनिवर्सल ह्यूमन राइट (Mental health is a universal human right)” के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया गया कि हर साल इस दिन को मनाने के लिए एक खास थीम डिसाइड की जाती है.

 

जब 1994 में इस दिन को मनाने की शुरुआत की गई तब इसकी थीम दुनिया भर में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार था. आरबीएसके चिकित्साधिकारी  डॉ संदीप मिश्रा द्वारा इस दिन को मनाने का मुख्य कारण लोगों को अवेयर करना है कि अगर कोई किसी परेशानी से गुजर रहा है तो अपने परिवार और दोस्तों से इसके बारे में शेयर कर सकें और जिसकी मेंटल हेल्थ खराब है, उसके बारे में समय रहते पता लग जाए और समय रहते उसकी परेशानी दूर की जा सकें. कई देशों के स्कूल-कॉलेज में स्टूडेंट्स की वीकली या महीने में एक बार काउंसलिंग की जाती है ताकि उनके बारे में पता लगाया जा सका.

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विदेशों के कई ऑफिस में भी काउंसलिंग का चलन बढ़ा है. वहां मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह (Mental Health Week) मनाया जाता है. ताकि ऑफिस के लोगों की परेशानी के बारे में पता लगाया जा सके. अन्त में चर्चा के दौरान चिकित्सा दल ने बताया कि आजकल की भागदौड़, लाइफस्टाइल और कंपटीशन की वजह से लोग ज्यादा स्ट्रेस या तनाव के शिकार हो रहे हैं. सिर्फ यंगस्टर ही नहीं हर वर्ग के लोग मानसिक रोग के शिकार हो रहें हैं. एक हेल्दी लाइफ के लिए आपका खुश रहना बहुत जरूरी है. अगर आप स्ट्रेस-एंग्जायटी के शिकार होते हैं तो इससे आपके हेल्थ पर सबसे पहले असर पड़ेगा. ,दिमाग को खुश रखने के लिए अपने रूटीन में हर दिन हेल्दी डायट अपने रूटीन में शामिल करें.

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योग या एक्सरसाइज के लिए समय निकालें.

अगर घर से दूर रहते हैं तो अपने परिवार से वीडियो कॉल और फोन पर बातें करें.

वीकेंड पर दोस्तों के साथ मिलकर मूवी या पार्टी का प्लान करें.

अगर आपको घूमना पसंद है तो महीने में एक बार कहीं बाहर घूमने का प्लान बनाए.

कुकिंग पसंद है तो अपनी पसंद की छुट्टी के दिन कोई डिश बनाएं.

अगर आपको प्लांटिंग का शौक है तो ये भी कर सकते हैं. प्लानटिंग स्ट्रेस को खत्म करता है.

आप कोई हॉबी क्लास भी जॉइन कर सकते हैं.जैसे-सिंगिंग, डांसिंग, पेंटिंग, पॉटरी.

वीकेंड पर दोस्तों के साथ शॉपिंग को भी जा सकते हैं

उक्त गोष्ठी के दौरान नर्सिंग अधिकारी निर्मला धामी,प्रधानाचार्य श्री हरिओम पाल,जयवर्धन कुमार आदि उपस्थित रहे।