देहरादून – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के “नशा मुक्त उत्तराखंड” अभियान को धरातल पर उतारने के लिए जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देश पर जिला प्रशासन ने ड्रग्स के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू कर दिया है। इस कड़ी में सोमवार को एसडीएम हरिगिर के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी में सैकड़ों छात्र-छात्राओं की ड्रग्स टेस्टिंग की।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कि यह अभियान “जीरो टॉलरेंस पॉलिसी” के तहत चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि किसी स्कूल या कॉलेज में कोई छात्र ड्रग टेस्ट में पॉजिटिव पाया जाता है, तो संबंधित संस्थान के डीन और स्वामी के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन का उद्देश्य उच्च शिक्षण संस्थानों में नशे की प्रवृत्ति को रोकना और विद्यार्थियों के लिए एक सुरक्षित शैक्षणिक माहौल सुनिश्चित करना है।
अभियान के दौरान छात्रों को नशे के दुष्प्रभावों, स्वास्थ्य संबंधी हानियों और करियर पर पड़ने वाले नकारात्मक असर के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही युवाओं को नशे से दूर रहने और जीवन में सकारात्मक सोच अपनाने का संदेश दिया गया।

जिलाधिकारी के निर्देश पर अब यह ड्रग टेस्टिंग ड्राइव सभी कॉलेजों और उच्च शिक्षण संस्थानों में लगातार जारी रहेगी। स्कूलों और कॉलेजों के आसपास सीसीटीवी कैमरों की निगरानी बढ़ाई जा रही है, वहीं प्रत्येक संस्थान में एंटी-ड्रग्स कमेटी को सक्रिय किया गया है, जिसमें छात्रों को भी शामिल किया गया है ताकि वे अपने साथियों को नशे से दूर रखने में सहयोग कर सकें।
जिला प्रशासन ने नशे से जूझ रहे युवाओं की सहायता के लिए मानस हेल्पलाइन नंबर 1933 और डीडीएसी हेल्पलाइन नंबर 9625777399 जारी किए हैं। इसके अलावा रायवाला स्थित ओल्ड एज होम में 30 बेडेड नशा मुक्ति एवं मानसिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित किया जा रहा है। साथ ही एम्स ऋषिकेश के साथ हुए समझौते के तहत 10 बेड इंटेंसिव थेरेपी के लिए आरक्षित किए गए हैं, ताकि नशा पीड़ितों का त्वरित उपचार सुनिश्चित हो सके।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने ड्रग्स की अवैध बिक्री पर रोक लगाने के लिए मेडिकल स्टोरों और दवा फैक्ट्रियों पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने ड्रग इंस्पेक्टरों को नियमित निरीक्षण करने को कहा है। वहीं ट्रैफिक चेकिंग के दौरान अब रात में भी ड्रग टेस्टिंग कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ यह जंग केवल प्रशासन की नहीं, बल्कि पूरे समाज की है। “हर विद्यार्थी, हर परिवार और हर संस्था अगर जागरूक बन जाए, तो उत्तराखंड को नशा मुक्त राज्य बनाना मुश्किल नहीं,” — जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा।

