उत्तराखण्ड ज़रा हटके हरिद्वार

हरिद्वार बनेगा स्वच्छता का आदर्श जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने शहर के विभिन्न क्षेत्रों का किया निरीक्षण….

ख़बर शेयर करें -

हरिद्वार – मुख्यमंत्री के निर्देशों के तहत धर्मनगरी हरिद्वार को स्वच्छ, क्लीन और मॉडल जनपद के रूप में विकसित करने की दिशा में प्रशासन ने कदम तेज कर दिए हैं। इस क्रम में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने शनिवार को स्वयं मैदान में उतरकर शहर की सफाई व्यवस्था का जायजा लिया और अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने शंकराचार्य चौक, आस्था पथ, रोड़ी बेलवाला क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया और सफाई व्यवस्था की वास्तविक स्थिति का आकलन किया। उन्होंने कहा कि हरिद्वार न केवल चारधाम यात्रा का प्रवेश द्वार है, बल्कि देश-विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र भी है। ऐसे में धर्मनगरी की स्वच्छता और सौंदर्यीकरण सर्वोच्च प्राथमिकता है, ताकि श्रद्धालुओं को स्वच्छ, शांतिपूर्ण और सौंदर्यपूर्ण वातावरण प्राप्त हो।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड में फिर बदलेगा मौसम का मिज़ाज, 5-6 दिसंबर को बारिश और बर्फबारी के आसार….

जिलाधिकारी ने कहा कि “धर्मनगरी हरिद्वार की पहचान उसकी पवित्रता और स्वच्छता से जुड़ी है। हमारा लक्ष्य केवल सफाई नहीं, बल्कि शहर को एक ऐसा मॉडल बनाना है जो स्वच्छता और अनुशासन का उदाहरण बने।”

उन्होंने नगर निगम और संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि आस्था पथ और शंकराचार्य चौक क्षेत्र में सड़क किनारे पड़े कूड़े-कचरे की तुरंत सफाई की जाए। इसके साथ ही सड़क किनारे उगी झाड़ियों की कटाई और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई तत्काल की जाए।

यह भी पढ़ें 👉  IFS रंजन कुमार मिश्र को उत्तराखंड वन विभाग की कमान….

जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय राजमार्ग रोड़ी बेलवाला क्षेत्र में एनएचएआई द्वारा चल रहे सफाई कार्यों की भी समीक्षा की और कहा कि सड़क किनारे पड़ी रेत, मिट्टी और कचरे को जल्द हटाया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सिंहद्वार से बाहदराबाद तक के मार्ग पर नियमित साफ-सफाई सुनिश्चित की जाए, ताकि यात्रियों और श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

यह भी पढ़ें 👉  बिनेट बैठक में दस प्रस्तावों पर लगी मुहर, देहरादून नियो मेट्रो परियोजना को हरी झंडी….

जिलाधिकारी ने सभी जिलास्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में स्वच्छता व्यवस्था की निगरानी स्वयं करें और नियमित निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि प्रशासन का लक्ष्य है कि हरिद्वार को “स्वच्छता, सौंदर्य और अनुशासन का आदर्श शहर” बनाया जाए, जहाँ आने वाला हर श्रद्धालु सकारात्मक अनुभव लेकर लौटे।