उत्तराखण्ड चम्पावत ज़रा हटके

जम्मू-कश्मीर के पुंछ में गोली लगने से चंपावत के अग्निवीर दीपक सिंह का निधन, दो वर्ष पूर्व हुए थे भर्ती….

ख़बर शेयर करें -

चंपावत – जिले से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से जिले के अग्निवीर जवान दीपक सिंह (23 वर्ष) का निधन हो गया। दीपक सिंह पुत्र शिवराज सिंह, पाटी विकासखंड के खरही गांव के रहने वाले थे और वर्तमान में जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले की मेंढर तहसील में सेना की अग्रिम चौकी पर तैनात थे। जवान के निधन की सूचना मिलते ही पूरे जिले में शोक की लहर दौड़ गई है, और परिजनों में कोहराम मच गया है।

दो साल पहले ही हुए थे सेना में भर्ती

यह भी पढ़ें 👉  सीएम धामी ने किया “उत्तराखंड राज्य का नवीन राजनीतिक इतिहास” पुस्तक का विमोचन, बोले बुके नहीं, बुक दीजिए….

दीपक सिंह दो साल पहले ही ‘अग्निपथ योजना’ (Agnipath Yojana) के तहत भारतीय सेना में अग्निवीर के रूप में भर्ती हुए थे। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उन्हें जम्मू-कश्मीर के संवेदनशील पुंछ क्षेत्र में तैनाती मिली थी। जानकारी के अनुसार, शनिवार यानी 22 नवंबर की दोपहर करीब 2.30 बजे यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी। चौकी पर गोली चलने की आवाज़ सुनते ही अन्य जवान तुरंत मौके पर पहुंचे। उन्होंने खून से लथपथ दीपक को बटालियन चिकित्सा शिविर पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

फिलहाल, सेना और स्थानीय पुलिस ने इस पूरी घटना की जांच शुरू कर दी है। यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि दीपक सिंह को गोली दुर्घटनावश चली है या इसके पीछे कोई अन्य कारण है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि शहीद जवान दीपक सिंह हाल ही में छुट्टी पर घर आए थे और उन्होंने खरही मेले में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। वह सिर्फ 10 दिन पहले ही अपनी छुट्टी पूरी करके वापस ड्यूटी पर लौटे थे। सेना ने जांच पूरी होने के बाद ही घटना के कारणों पर आधिकारिक बयान देने की बात कही है।

यह भी पढ़ें 👉  वन निगम डिपो से निकला भ्रष्टाचार का ‘ट्रक’ रवन्ने से ज्यादा लकड़ी लादकर निकासी, विभाग में मचा हड़कंप….

गांव में मातम, सोमवार को पहुंचेगा पार्थिव शरीर

खरही गांव और पूरे चंपावत क्षेत्र में दीपक सिंह के निधन से मातम पसरा हुआ है। गांव के हर निवासी को अपने युवा बेटे को खोने का गहरा दुख है। परिजन और ग्रामीण सोमवार तक उनके पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहे हैं। इस दुख की घड़ी में पूरा उत्तराखंड शहीद जवान के परिवार के साथ खड़ा है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त किया है और शहीद जवान को श्रद्धांजलि अर्पित की है। हमें देश की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले अपने बहादुर सैनिकों पर गर्व है।

यह भी पढ़ें 👉  बिनेट बैठक में दस प्रस्तावों पर लगी मुहर, देहरादून नियो मेट्रो परियोजना को हरी झंडी….