हल्दूचौड़- स्थानीय प्रशासन खनिज विभाग की लापरवाही के परिणाम स्वरूप यहां स्तिथ स्टोन क्रेशरों द्वारा बिना रॉयल्टी के उप खनिज बेचे जाने का मामला प्रकाश में आया है प्रदेश सरकार द्वारा खनन संपदा के अवैध दोहन पर अंकुश लगाए जाने को लेकर सरकारी तंत्र से लेकर निजी एजेंसियों तक को अवैध खनन रोकने में लगाया है किंतु प्रदेश में अवैध खनन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं सूत्रों की मानें तो अवैध खनन के इस खेल में क्रशर संचालकों और उक्त कार्य में लगी सरकारी मशीनरी की सांठगांठ के चलते दिखावे की कार्यवाही कर अधिकांश मामलों को रफदफा किए जाने की चर्चाएं हैं।
ऐसा ही एक वाक्या आज यहां दुमकाबंगर उमापति गांव में देखने को मिला।यहां अपने निर्माणाधीन भवन की छत के लिए एक किसान स्थानीय क्रशर में उपखनिज क्रय करने गया तो क्रशर संचालक द्वारा उसे निर्धारित दर में छूट देते हुए बिना रॉयल्टी के उपखनिज दे दिया किंतु जैसे ही उक्त किसान अपनी टैक्टर ट्राली लेकर क्रशर से बाहर निकला तो दुमकाबंगर गांव में अवैध खनन पर अंकुश लगाने को गठित निजी एजेंसी की टास्कफोर्स ने टैक्टर ट्राली को रोक लिया जिस पर ग्रामीणों की उक्त टीम के साथ काफी बहसबाजी हुई किसानों का कहना था कि वह जुर्म भरने को तैयार हैं
किंतु जिस क्रशर द्वारा उन्हें यह उपखनिज बेचा गया उस पर भी कार्यवाही की जाए किंतु क्रशर पर कार्यवाही की बात पर निजी एजेंसी के कर्मी बगलें झांकने लग गए और अपने उसे ऊंचे ओहदे पर बैठे संबंधित एजेंसी के अधिकारियों अथवा खान विभाग के अधिकारियों से बात करने का मशवरा देने लगे काफी हो हुज्जत के बाद आखिरकार निजी एजेंसी कर्मी उक्त टैक्टर ट्राली को अपनी राजमार्ग स्थित चैक पर ले आए और चालानी कार्यवाही की बात करने लगे इधर अहम सवाल यह है कि टैक्टर स्वामी द्वारा अवैध उप खनिज बिक्री किए जा रहे क्रशर का नाम उजागर किए जाने के बावजूद क्रशर पर क्यों कार्यवाही से बच रहा है खनन महकमा।