उत्तराखंड सरकार राज्य में खेलों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। आठ प्रमुख शहरों में 23 खेल अकादमियां खोली जाएंगी, जिससे युवा खिलाड़ियों को बेहतरीन प्रशिक्षण और अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। इस योजना से राष्ट्रीय खेलों के दौरान उपयोग किए गए करोड़ों के खेल उपकरणों का भी सही इस्तेमाल सुनिश्चित होगा।
कैबिनेट बैठक में लग सकती है मुहर
आज होने वाली कैबिनेट बैठक में इस योजना पर अंतिम मुहर लग सकती है। खेल मंत्री द्वारा इसकी समीक्षा पहले ही की जा चुकी है। इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए सरकार ने करीब 33 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है।
खेल अकादमियों से होने वाले फायदे
राष्ट्रीय खेलों के लिए खरीदे गए 100 करोड़ रुपये के उपकरणों का उचित उपयोग।
खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग और अत्याधुनिक सुविधाएं।
उत्तराखंड से अधिक संख्या में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार होंगे।
संबंधित खेल संघों और फेडरेशनों की भागीदारी से बेहतर कोचिंग और उच्च स्तरीय प्रशिक्षण।

किन शहरों में खुलेंगी अकादमियां?
अकादमियां उन्हीं शहरों में खोली जाएंगी, जहां 38वें राष्ट्रीय खेलों की प्रतियोगिताएं आयोजित की गई थीं:
देहरादून – महाराणा प्रताप स्टेडियम और परेड ग्राउंड
हरिद्वार
ऊधमसिंह नगर
रुद्रपुर
पिथौरागढ़
हल्द्वानी – गोलापार स्टेडियम
इन शहरों में खेल सुविधाओं को नया स्वरूप मिलेगा और खिलाड़ियों को बेहतरीन अवसर मिलेंगे।
राज्य सरकार करेगी संचालन, विशेषज्ञ होंगे नियुक्त
अनुभवी कोच और अंतरराष्ट्रीय स्तर के ट्रेनर नियुक्त किए जाएंगे।
खिलाड़ियों के लिए विशेष स्कॉलरशिप और आर्थिक सहायता उपलब्ध होगी।
अत्याधुनिक सुविधाओं और उच्च स्तरीय खेल उपकरणों से लैस होगा इंफ्रास्ट्रक्चर।
उत्तराखंड को मिलेगा खेलों में नया आयाम
सरकार की इस पहल से उत्तराखंड एक खेल हब के रूप में विकसित होगा और युवा खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना हुनर दिखाने का अवसर मिलेगा। अब सभी की नजर आज होने वाली कैबिनेट बैठक पर है, जहां इस ऐतिहासिक योजना पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।