हल्द्वानी – उत्तराखंड के तराई क्षेत्र के लिए भूकंप को लेकर एक नई चेतावनी सामने आई है। आईआईटी कानपुर के पृथ्वी विज्ञान विभाग ने अध्ययन में हल्द्वानी के निकट कालाढूंगी फॉल्ट लाइन को चिह्नित किया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह फॉल्ट लाइन हल्द्वानी के बाहरी क्षेत्र तक फैली हुई है और यह इलाका भूकंपीय दृष्टि से अत्यधिक संवेदनशील श्रेणी में आता है।
विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. जावेद मलिक ने बताया कि अध्ययन के दौरान कालाढूंगी फॉल्ट लाइन के पास पूर्व में आए बड़े भूकंपों के स्पष्ट अवशेष पाए गए हैं। यह संकेत है कि इस क्षेत्र में भूकंपीय गतिविधियां पहले भी सक्रिय रही हैं और भविष्य में भी बड़ा भूकंप आने की संभावना को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि यह धारणा पूरी तरह गलत है कि छोटे-छोटे भूकंपों से एनर्जी रिलीज़ होकर बड़े भूकंप का खतरा कम हो जाता है। वैज्ञानिक रूप से यह सिद्ध हुआ है कि कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्र में पर्याप्त ऊर्जा संचित है, जो भविष्य में किसी बड़े भूकंप का कारण बन सकती है।

भूवैज्ञानिकों ने सुझाव दिया है कि इस पूरे क्षेत्र में भवन निर्माण में भूकंप प्रतिरोधी तकनीक, सतर्कता और सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार, कालाढूंगी फॉल्ट लाइन की सक्रियता को देखते हुए हल्द्वानी और आसपास के इलाकों में भूकंप से जुड़े जोखिम प्रबंधन और संरचनात्मक सुरक्षा को सुदृढ़ करना समय की मांग है।

