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तीन करोड़ का पोषण घोटाला: जांच में शिक्षा विभाग और बैंक कर्मियों की मिलीभगत की आशंका….

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देहरादून – प्रधानमंत्री पोषण योजना (पूर्व मिड-डे मील) में तीन करोड़ रुपये के कथित घपले की गूंज के बाद शासन ने मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी है। अपर निदेशक गढ़वाल कंचन देवराड़ी की अध्यक्षता में गठित इस समिति ने अपनी जांच शुरू कर दी है।

शिक्षा महानिदेशक दीप्ति सिंह ने इस गंभीर प्रकरण की जांच के लिए कंचन देवराड़ी के साथ वित्त नियंत्रक हेमेंद्र गंगवार को भी समिति में शामिल किया है और दोनों अधिकारियों को दो दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं।

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जांच में शुरुआती तौर पर सामने आया है कि इस घोटाले में शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों के साथ बैंक कर्मचारियों की संलिप्तता की आशंका जताई जा रही है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, बिना बैंककर्मियों की मिलीभगत के करोड़ों रुपये का लेन-देन संभव नहीं था। इतना ही नहीं, जब करोड़ों रुपये खातों से निकाले गए, तब विभाग को एक बार भी ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) नहीं मिला, जिससे तकनीकी घपले की भी आशंका गहराती जा रही है।

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अपर निदेशक कंचन देवराड़ी ने पुष्टि की कि समिति ने जांच की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है और सभी संबंधित दस्तावेजों की गहनता से छानबीन की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि मामला केवल विभागीय चूक का नहीं बल्कि संगठित वित्तीय अनियमितता का संकेत दे रहा है।