हल्द्वानी- हल्द्वानी के कुल्यालपुरा में परचून की दुकान में कथित चरस मिलने के मामले में कोतवाली पुलिस अब खुद ही बुरी तरह फंस गई है। कोर्ट ने पुलिस की जांच पर प्रश्नचिह्न लगाते हुए बरामद कथित चरस और जांच रिपोर्ट के साथ जांच अधिकारी को 29 नवंबर को प्रस्तुत होने को कहा है। कुल्यालपुर की गली नंबर तीन की रहने वाली पूनम की दुकान में 28 जून को एक महिला कथित चरस का थैला छोड़कर चली गई थी।
महिला के जाते ही वहां पहुंची पुलिस थैला बरामद कर ले गई थी। पूरी घटना दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। फिर भी पुलिस ने न तो मुकदमा दर्ज किया और न ही फुटेज होने के बावजूद आरोपी महिला को पकड़ा। पूनम के न्यायालय की शरण लेने पर मामले में मुकदमा दर्ज हुआ। पूनम ने चरस रखने की आरोपी महिला को पांच अक्तूबर को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया था। थाने में चरस का कोई रिकॉर्ड न होने के कारण पुलिस ने आरोपी को नारी निकेतन में भेज दिया। बाद में नोटिस देकर छोड़ दिया।
पूनम इस मामले को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अखिलेश कुमार की कोर्ट में ले गईं। कोर्ट ने पुलिस की जांच पर सवाल खड़े करते हुए तमाम सवालों के जवाब देने और कथित चरस के साथ 29 नवंबर को कोर्ट के समक्ष पेश होने के आदेश दिए हैं। इस मामले की जांच घटना स्थल से चरस बरामद करने वाले एसआई देवेंद्र सिंह के पास है। मामले में खुशी के साथ भूपेंद्र सिंह चौहान व उमेश चौहान को भी आरोपी बनाया गया है। दोनों पर खुशी की मदद से दुकान में चरस रखवाने का आरोप है।