शहर में बढ़ते आक्रोश का नतीजा, कोर्ट परिसर में गूंजे विरोध के नारे
सौरभ राजपूत हत्याकांड को लेकर जनता और वकीलों में आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। जैसे ही इस मामले के मुख्य आरोपी मुस्कान और साहिल को मंगलवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) कोर्ट में पेश किया गया, वहां पहले से मौजूद वकीलों और अन्य लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। वकीलों ने अदालत परिसर में ही दोनों आरोपियों पर हमला बोल दिया और उनकी पिटाई कर दी।
क्या है पूरा मामला?
सौरभ राजपूत की हत्या का मामला पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में बना हुआ है। जानकारी के अनुसार, सौरभ राजपूत की हत्या का आरोप मुस्कान और साहिल पर लगा है। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था और आज उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था।

हत्या के पीछे की वजह को लेकर कई तरह की चर्चाएँ हो रही हैं, हालांकि पुलिस अभी इस मामले की गहन जांच कर रही है। शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि यह हत्या आपसी रंजिश और धोखे का परिणाम हो सकती है।
कोर्ट में वकीलों का गुस्सा क्यों फूटा?
सौरभ राजपूत की हत्या के बाद से ही वकीलों और स्थानीय लोगों में रोष था। जब आरोपी मुस्कान और साहिल को कोर्ट में लाया गया, तो वकीलों का गुस्सा भड़क गया। जैसे ही पुलिस आरोपियों को अदालत में पेश करने लगी, वहां मौजूद वकीलों ने नारेबाजी शुरू कर दी और देखते ही देखते उन्होंने दोनों आरोपियों पर हमला कर दिया।
कई वकीलों ने मुस्कान और साहिल को घेरकर लात-घूंसों से पीटा। हालात को बिगड़ते देख पुलिसकर्मियों ने बीच-बचाव किया और किसी तरह दोनों आरोपियों को बचाकर अदालत के अंदर ले जाया गया।
पुलिस और प्रशासन की कड़ी सुरक्षा
घटना के बाद पुलिस प्रशासन ने कोर्ट परिसर की सुरक्षा और कड़ी कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि आरोपियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं और आगे इस तरह की कोई घटना न हो, इसके लिए सतर्कता बरती जा रही है।
आगे क्या?
इस घटना के बाद न्यायपालिका और पुलिस प्रशासन पर भी सवाल उठने लगे हैं कि आरोपियों को सुरक्षा क्यों नहीं दी गई? साथ ही, वकीलों का कानून अपने हाथ में लेना न्याय प्रक्रिया के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन सकता है। अब इस मामले में अगली सुनवाई जल्द ही होगी, जहां कोर्ट आरोपियों के खिलाफ सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई तय करेगा।