हल्द्वानी – नैनीताल जिले में पुलिस की कार्यशैली एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। हल्द्वानी कोतवाली क्षेत्र के नैनीताल रोड स्थित बेस अस्पताल के पास एक चाय विक्रेता को पुलिस द्वारा जबरन उठाए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वीडियो सामने आने के बाद लोगों में रोष फैल गया है और पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह घटना शनिवार की शाम की है। बेस अस्पताल के पास चाय का खोखा लगाने वाले दुकानदार ने अपनी दुकान के सामने खड़ी एक कार हटाने के लिए अनुरोध किया था। बताया जा रहा है कि वह कार एक पुलिसकर्मी की थी। वाहन हटाने की बात पुलिसकर्मी को नागवार गुज़री और उसने डायल 112 पर कॉल कर अपने साथियों को मौके पर बुला लिया।
सूचना मिलने पर एक सब-इंस्पेक्टर और दो कॉन्स्टेबल मौके पर पहुंचे। आरोप है कि बिना पूरी बात सुने पुलिसकर्मियों ने दुकानदार को ही कॉलर पकड़कर घसीट लिया और डायल 112 के वाहन में बैठा दिया। इस दौरान मौके पर मौजूद लोगों ने पूरी घटना का वीडियो बना लिया, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

वीडियो वायरल होने के बाद हल्द्वानी शहर में पुलिस की कार्यशैली पर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। लोगों का कहना है कि यदि दुकानदार ने कोई गलती की थी, तो उसके खिलाफ कानूनन कार्रवाई की जानी चाहिए थी, न कि सार्वजनिक स्थान पर उसे इस तरह से अपमानित किया जाना चाहिए था।
इस मामले में पुलिस प्रशासन ने सफाई देते हुए कहा है कि प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि दुकानदार की ओर से पहले पुलिसकर्मी को अपशब्द कहे गए थे, जिसके बाद पुलिसकर्मी ने डायल 112 पर सूचना दी। हल्द्वानी कोतवाली प्रभारी के अनुसार, दुकानदार ने हीरानगर चौकी में माफीनामा भी दिया है।
हालांकि, वायरल वीडियो सामने आने के बाद लोगों ने पुलिस की इस सफाई पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि अगर दुकानदार ने गलती की थी, तो उसे कानूनी प्रक्रिया के तहत नोटिस दिया जा सकता था, लेकिन सड़क पर इस तरह की कार्रवाई पुलिस की छवि को नुकसान पहुंचाने वाली है।
स्थानीय लोगों और सोशल मीडिया यूज़र्स ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। लोगों का कहना है कि पुलिस को जनता से जुड़ाव बनाए रखने के लिए संवेदनशीलता और संयम दोनों की आवश्यकता है, ताकि कानून के साथ-साथ मानवीय मर्यादा भी बनी रहे।

