उत्तराखण्ड ज़रा हटके नैनीताल

सड़क, बिजली, पानी से लेकर पेंशन तक शिविरों में मिली हर समस्या की सुनवाई….

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नैनीताल (खैरना)- सरकार और आम जनता के बीच की दूरी कम करने के उद्देश्य से शुरू किया गया “जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार” अभियान जनपद नैनीताल में प्रभावी रूप से धरातल पर उतरता दिखाई दे रहा है। इस अभियान के तहत आयोजित बहुउद्देशीय शिविरों में न केवल जनता की समस्याएं सुनी जा रही हैं, बल्कि बड़ी संख्या में मामलों का मौके पर ही निस्तारण किया जा रहा है।

इसी क्रम में बुधवार को कैंचीधाम तहसील की न्याय पंचायत गरमपानी में महिला सभागार, खैरना में आयोजित शिविर में जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल स्वयं उपस्थित रहे। शिविर में 23 विभागों ने एक मंच पर भागीदारी की। कुल 107 शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें से अधिकांश का त्वरित समाधान किया गया, जबकि शेष मामलों पर तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए गए।

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जिलाधिकारी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि केंद्र व राज्य सरकार की कोई भी जनकल्याणकारी योजना ऐसी न रहे, जिससे कोई पात्र व्यक्ति वंचित रह जाए। जिन लोगों को अब तक योजनाओं का लाभ नहीं मिला है, उनके आवेदन मौके पर ही भरवाकर तुरंत प्रक्रिया शुरू करने को कहा गया।

शिविर के दौरान गरमपानी सहकारी समिति में वित्तीय अनियमितता और जमाकर्ताओं की राशि वापस न मिलने की गंभीर शिकायत सामने आई। जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए, जिससे यह स्पष्ट संदेश गया कि जनता के धन से किसी भी तरह का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

सड़क, बिजली, पानी और सिंचाई से जुड़े मामलों पर भी मौके पर निर्णय लिए गए। झूलते बिजली तारों की समस्या पर एक सप्ताह के भीतर अतिरिक्त पोल लगाने, आपदा से क्षतिग्रस्त हरोली–गैरखाल सड़क के लिए तत्काल प्रस्ताव तैयार करने, बंदरों व जंगली जानवरों से फसल नुकसान रोकने के लिए सोलर फेंसिंग व पिंजरे लगाने, गरमपानी में मोटर पुल व डोबा में झूला पुल के लिए डीपीआर बनाने तथा मझेड़ा नहर से वंचित 65 परिवारों को तुरंत सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए।

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महिलाओं और यात्रियों की सुविधा को प्राथमिकता देते हुए भवाली से क्वारब तक विभिन्न पड़ावों पर महिला शौचालय, खैरना में विश्राम गृह निर्माण, तथा राष्ट्रीय राजमार्ग पर खुली नालियों को ढकने और रिफ्लेक्टर लगाने के आदेश दिए गए ताकि दुर्घटनाओं पर प्रभावी रोक लगाई जा सके।

शिक्षा और भूमि विवाद से जुड़े मामलों में भी त्वरित राहत दी गई। प्राथमिक विद्यालय हरतपा के जर्जर भवन को ध्वस्त कर नया भवन बनाने के निर्देश दिए गए, वहीं भूमि रिकॉर्ड से जुड़े खाता-खतौनी सुधार मौके पर ही कराए गए, जिससे लोगों को वर्षों की भागदौड़ से निजात मिली।

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स्वास्थ्य, रोजगार और विभिन्न योजनाओं के तहत शिविर में 59 लोगों का एलोपैथिक, 50 का आयुर्वेदिक और 46 का होम्योपैथिक उपचार कर निशुल्क दवाएं वितरित की गईं। साथ ही किसानों को कृषि यंत्र व जैविक खाद, युवाओं का रोजगार पंजीकरण तथा पेंशन, बिजली और पानी से जुड़े मामलों का समाधान किया गया।

अभियान के तहत 18 दिसंबर को राजकीय इंटर कॉलेज, मालधनचौड़ (रामनगर) और पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस, मौना (रामगढ़) में भी बहुउद्देशीय शिविर आयोजित किए जाएंगे, जहां 23 विभाग एक साथ मौजूद रहेंगे। इन शिविरों में आधार संशोधन, पेंशन, स्वास्थ्य परीक्षण, विरासत, दाखिल-खारिज समेत अनेक सेवाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराई जाएंगी।