हल्द्वानी। हल्द्वानी के मंगलपड़ाव से रोडवेज तक सड़क चौड़ीकरण का कार्य प्रशासन द्वारा तेज़ी से किया जा रहा है, सड़क चौड़ीकरण के नाम पर व्यापारियों ने उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए बुधवार शाम को मशाल जुलूस निकालकर प्रशासन के खिलाफ आक्रोश जताया।
आपको बता दें संयुक्त व्यापार संघर्ष समिति के आह्वान पर महिला अस्पताल के सामने धरना स्थल से जुलूस नगर निगम तक गया। जुलूस में बड़ी तादाद में शामिल व्यापारी हुए। और तय हुआ है कि बृहस्पतिवार (आज) से प्रभावित व्यापारी शाम चार बजे से दुकानें बंद कर धरना प्रदर्शन में शामिल होंगे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार धरनास्थल पर पहुंचे व्यापारियों ने एकजुट होकर आंदोलन में खड़े होने का एलान किया। प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के महानगर अध्यक्ष योगेश शर्मा ने कहा कि अभी तक चिंगारी थी जो अब बाहर आ रही है और बड़ा रूप लेकर जनता का आंदोलन बनेगी। जिला महामंत्री हर्षवर्धन पांडे ने कहा कि प्रशासन ने नहीं सुनी तो बाजार अनिश्चितकाल के लिए बंद किया जाएगा। सभी व्यापारिक संगठनों से समर्थन ले लिया है। प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के प्रदेशाध्यक्ष नवीन वर्मा ने कहा कि प्रशासन की हठधर्मिता को व्यापारी समाज बर्दाश्त नहीं करेगा। जिलाध्यक्ष विपिन गुप्ता ने कहा कि आंदोलन चरणबद्ध तरीके से चल रहा है। शहर का सौंन्दर्यीकरण चाहते हैं, मानकों में व्यापारियों को ढील मिले। विभिन्न मार्गों से होता हुआ मशाल जुलूस वापस धरना स्थल पर पहुंचा। जुलूस में महिलाओं ने भी भागीदारी की। कांग्रेस नेता ललित जोशी ने व्यापारियों की मांगों का समर्थन करते हुए सहायता का भरोसा दिया। जुलूस में देवभूमि व्यापार समिति के अमरजीत सिंह चड्डा, देवभूमि व्यापार मंडल के प्रदेशाध्यक्ष हुकुम सिंह कुंवर, युवा जिलाध्यक्ष सौरभ भट्ट, मनोज जायसवाल, पवन वर्मा, महिला अध्यक्ष विनीता शर्मा, सिद्धि सुयाल, प्रियंका शर्मा, सचिन गुप्ता, उपेंद्र कनवाल, अजय कृष्ण गोयल, संदीप सक्सेना, दलजीत सिंह दल्ली, गोविंद बगडवाल समेत सैंकड़ों व्यापारी शामिल हुए।
वही व्यापारियों के मशाल जुलूस में शामिल हुए विधायक सुमित हृदयेश ने कहा कि राज्य की डबल इंजन की सरकार सौंदर्यीकरण, अतिक्रमण के नाम पर व्यापारियों के प्रतिष्ठान तोड़कर उजाड़ने का काम कर रही है। असली मांग आईएसबीटी, रिंगरोड हैं, जिससे हल्द्वानी की ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार आ सके। आज आईएसबीटी, रिंगरोड न होने के कारण व्यापारियों को कष्ट झेलना पड़ रहा है।