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मजदूर किसान महापंचायत की तैयारी ज़ोरों पर,4 अक्टूबर को उठाया जायेगा उल्लेखनीय,ऐतिहासिक और निर्णायक कदम…..

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इन्टरार्क मजदूर संगठन के आंदोलन को 400 दिन पूरा होने पर समाजसेवी सुब्रत विश्वास ने मजदूरों व उनकी महिलाओं संग मिलकर किया एक दिवसीय भूख हड़ताल ।

मजदूरों ने दिया दो टूक संदेश 400 दिन गुजर जाने के बाद भी प्रशासन और कंपनी प्रबंधक का गठजोड़ यह सिद्ध करता है कि मजदूरों को स्वयं ही कदम उठाना आवश्यक है।

 

रुद्रपुर-(अब्दुल मलिक) इन्टरार्क मजदूर संगठन ऊधम सिंह नगर व इन्टरार्क मजदूर संगठन किच्छा के मजदूरों द्वारा अपने शोषण – उत्पीड़न के विरोध में 16 अगस्त 2021 से फैक्ट्री परिसर के बाहर धरना प्रदर्शन शुरू किया था। जिसके 400 दिन पूरा होने पर आज दिनांक 18 /09/ 2022 को मजदूर आज भी उसी स्थिति में है ।कंपनी प्रबंधक व प्रशासन द्वारा मजदूरों के हित में या विवादों को सुलझाने के लिए कोई भी प्रयास नहीं किया गया। बल्कि लगातार मजदूरों के शोषण को चरम सीमा तक पहुंचाने का ही प्रयास किया गया।

 

जो की बहुत ही निंदनीय है। शासन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के लिए बड़े ही शर्म की बात है कि पिछले 13 महीनों से लोकतांत्रिक तरीके से अपने अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए धरने पर बैठे मजदूर और उनके परिजनों पर केवल जुल्म हीं ढाए जा रहे हैं ।उनके उत्थान के लिए कोई कदम नहीं उठाए गये ।

इसके विरोध में एक दिवसीय भूख हड़ताल का कार्यक्रम लिया गया ।और शासन प्रशासन कंपनी प्रबंधक के लिए यह संदेश है जो कि उन्हें समझने की आवश्यकता। मजदूर नेताओं द्वारा अपने वक्तव्य में कहा गया कि जिस तरह का दुर्व्यवहार उत्तराखंड की धरती पर हम मजदूरों के साथ किया जा रहा है कंपनी प्रबंधक के साथ-साथ उत्तराखंड का शासन और उधम सिंह नगर का जिला प्रशासन भी इसमें पूर्ण रूप से जिम्मेदार है।

 

सत्ता में बैठे बड़े-बड़े जनप्रतिनिधि चुनाव के समय में गरीब मजदूर किसान की बात बड़े पैमाने पर करते हैं। लेकिन जमीनी हकीकत आज इंटरार्क के मजदूरों एवं सिडकुल के तमाम यूनियनों से जुड़े मजदूरों की दुर्गति साफ दर्शाती है कि सरकारें किस रूप में काम कर रही हैं। और किसके लिए काम कर रही हैं। गरीब जनता के लिए कर रही हैं या पूजी पतियों के तिजोरी को भरने का काम कर रही है।

वक्ताओं द्वारा बताया गया कि 4 अक्टूबर को मजदूर किसान महापंचायत का विशाल आयोजन किच्छा में इसी धरना स्थल पर किया जाएगा ।जिसमें राष्ट्रीय स्तर के बड़े-बड़े किसान नेता एवं तमाम किसान संगठनों के नेता एवं लोग, मजदूर संगठनों के मानिंद नेतागण ,विभिन्न जन संगठनों के सदस्य, क्रांतिकारी संगठनों के लोग एवं न्याय प्रिय जनता उपस्थित होंगे ।और उसी दिन यहां पर एक निर्णायक कदम अवश्य ही उठाया जाएगा जिसकी चेतावनी आज स्पष्ट रूप में दी जा रही है।

 

मजदूरों के ऊपर शोषण की चरम सीमा हो चुकी है। और कंपनी प्रबंधक द्वारा किए गए दुर्व्यवहार की स्थिति में पानी सिर से ऊपर हो चुका है। बर्दाश्त करने की क्षमता और मजदूरों का सब्र अब जवाब दे चुका है। अपने हक एवं अधिकारों की लड़ाई स्वयं ही लड़नी पड़ती है यह सिद्ध करने का समय आ चुका है।

वक्ताओं द्वारा यह भी कहा गया कि कंपनी प्रबंधक के इशारे पर गुंडे सरीखे लोग जो कि ठेकेदारी प्रथा के नाम पर गैरकानूनी रूप से कंपनी में नियोजित किए गए हैं वह लगातार आंदोलन को बिखेरने के लिए मजदूर नेताओं एवं यूनियन के सदस्यों के ऊपर जबरदस्ती झूठे मुकदमे लगा रहे हैं ।जो कि बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
भूख हड़ताल पर बैठी महिलाओं का कहना है कि हमारा घर संसार को और हमारे पतियों की नौकरी को अगर कंपनी प्रबंधक खत्म करना चाहता है तो हम भी चुप नहीं बैठेंगे ।अपने अंतिम दम तक अन्याय के विरोध में न्याय के लिए हर संभव सीमा तक आंदोलन में सहयोग करेंगे ।और जीत तक लेकर जाएंगे इसके लिए जो भी करना है निसंकोच करेंगे।

धरना स्थल पर भूख हड़ताल पर बैठे लोगों में  मती संगीता,  गीता,  सुब्रत विश्वास, वीर सिंह, संजीव कुमार,  राकेश कुमार,  संजय प्रजापति, जीत लाल,  वेद प्रकाश,  मनोज कुमार शामिल रहे भूख हड़ताल के समापन के लिए सभी को जूस पिलाकर भूख हड़ताल की समाप्ति की गई ।

समर्थन देने के लिए पहुंचे यजाकी वर्कर्स यूनियन से रविन्द्र अपने पुत्र के साथ बी पी ए रुद्रपुर से  समीर राय जी, बंगाली पेंशनर्स एसोसिएशन रुद्रपुर से शंकर चक्रवर्ती जी,  नारायण चंद्र महाजन जी उपस्थित हुए एवं किच्छा व पंतनगर के संगठन अध्यक्ष के साथ-साथ सैकड़ों की संख्या में मजदूर साथी व महिलाएं बच्चे उपस्थित रहे।

अंत में अध्यक्ष महोदय द्वारा भूख हड़ताल में शामिल सभी साथियों, मातृशक्ति व समर्थन में पहुंचे सहयोगी संगठनों के साथियों का आभार व्यक्त किया गया। और संकल्प लिया गया कि मजदूर अपनी लड़ाई को पूरा किए बिना पीछे नहीं हटेंगे।