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धामी सरकार की नई पहल: हर पंचायत में लगेगा “जनकल्याण कैम्प”, 23 विभाग एक मंच पर….

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देहरादून – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर उत्तराखंड सरकार जनता तक सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ पहुँचाने के लिए एक बड़ा जनकेंद्रित अभियान शुरू करने जा रही है। प्रदेश में 17 दिसंबर 2025 से 45 दिनों तक “जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार” नामक महाअभियान चलाया जाएगा। इस अवधि में पूरे राज्य की न्याय पंचायतों और ग्राम पंचायतों में विशेष शिविर लगाकर लोगों को केंद्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा।

इस महत्त्वाकांक्षी अभियान में राजस्व, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, कृषि, समाज कल्याण, महिला सशक्तीकरण, स्वास्थ्य, शिक्षा, ऊर्जा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति सहित कुल 23 विभाग शामिल होंगे। सभी विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक बिना किसी बाधा के पहुँचे।

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अभियान के दौरान न्याय पंचायत स्तर पर बहुउद्देशीय कैम्प आयोजित किए जाएंगे, जिनमें पात्र लोगों को मौके पर ही योजनाओं का लाभ दिया जाएगा, जबकि अन्य से आवेदन पत्र भरवाकर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। यदि कोई न्याय पंचायत क्षेत्रफल या जनसंख्या के आधार पर बड़ी होगी, तो उसे दो भागों में बाँटकर अलग-अलग स्थानों पर शिविर लगाए जाएंगे, ताकि कोई भी गांव लाभ से वंचित न रहे।

अभियान की समाप्ति के बाद अधिकारी आस-पास के गांवों का भ्रमण करेंगे और उन नागरिकों से आवेदन भरवाएंगे जो किसी कारणवश शिविर में नहीं पहुँच पाए। सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर पात्र नागरिक तक योजनाओं का लाभ पहुँचे और कोई भी परिवार वंचित न रहे।

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सचिव सामान्य प्रशासन विनोद कुमार सुमन ने सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी करते हुए कहा है कि प्रत्येक सप्ताह कम से कम 2 से 3 दिन शिविर लगाए जाएं और हर तहसील की एक न्याय पंचायत में साप्ताहिक आयोजन अनिवार्य रूप से हो। 45 दिनों में सभी न्याय पंचायतों को कवर करना आवश्यक होगा। साथ ही, हर सप्ताह के एक शिविर में जिलाधिकारी स्वयं उपस्थित रहेंगे, जबकि अन्य शिविरों में मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी या उपजिलाधिकारी की उपस्थिति अनिवार्य होगी।

कैम्प से पहले ग्राम स्तर पर आवेदन पत्र वितरित किए जाएंगे। विभिन्न विभाग पहले से सर्वे कर यह सुनिश्चित करेंगे कि कौन से पात्र लोग योजनाओं से वंचित हैं, ताकि शिविर में मौके पर ही लाभ दिया जा सके। शिविरों से पहले और बाद में मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाएगा, जिससे अधिक से अधिक लोग जानकारी प्राप्त कर सकें। प्रत्येक जिले को साप्ताहिक प्रगति रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव कार्यालय और सामान्य प्रशासन विभाग को भेजनी होगी।

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य जनता को सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने से मुक्ति दिलाना है। अब सरकार स्वयं जनता के द्वार तक पहुँचेगी और “सेवा, पारदर्शिता और जवाबदेही” के सिद्धांत पर कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि यह महाअभियान उत्तराखंड में जनभागीदारी और सुशासन की दिशा में एक नया मानक स्थापित करेगा।