देहरादून। संविधान दिवस के अवसर पर रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस लाइन, देहरादून में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उपस्थित अधिकारियों, कर्मचारियों और नागरिकों को भारत के संविधान की उद्देशिका (Preamble) की शपथ दिलाई, साथ ही अभियोजन विभाग की पत्रिका का विमोचन भी किया।
मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर सभी को संविधान एवं विधि दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर को श्रद्धापूर्वक नमन किया। उन्होंने कहा कि “संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि भारत की आत्मा है, जिसने हमें लोकतंत्र, स्वतंत्रता, समानता और न्याय का अधिकार दिया है।”
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने अभियोजन विभाग के सशक्तिकरण हेतु कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नए आपराधिक कानूनों (भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023) के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए अभियोजन विभाग को सहायता राशि उपलब्ध कराएगी। साथ ही, विभाग के डिजिटलीकरण कार्यों के लिए विशेष सहयोग, उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों को पुरस्कृत करने की व्यवस्था, और विभागीय अधिकारियों को राज्य की स्थानीय बोलियों का प्रशिक्षण प्रदान करने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि “अभियोजन सेवा हमारी न्याय व्यवस्था का वह मजबूत स्तंभ है, जो सत्य को प्रतिष्ठित करने और न्याय प्रक्रिया को पारदर्शी व प्रभावी बनाने का कार्य करती है।” उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाने का निर्णय लेकर संविधान निर्माताओं को सच्ची श्रद्धांजलि दी गई थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत की न्याय-व्यवस्था को आधुनिक, सशक्त, पारदर्शी और नागरिक-केंद्रित बनाने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि नए आपराधिक कानूनों में इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल रिकॉर्ड को सबूत के रूप में मान्यता दी गई है, जिससे जांच और अभियोजन प्रक्रिया अधिक वैज्ञानिक, प्रमाणिक और विश्वसनीय बन गई है।
धामी ने कहा कि राज्य में न्याय व्यवस्था को आधुनिक स्वरूप देने के लिए नए न्यायालय भवनों का निर्माण और पुरानी न्यायिक संरचनाओं का सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि Digital Courts, E-Filing और Virtual Hearings जैसी प्रणालियों को और सशक्त बनाया जा रहा है, ताकि नागरिकों को शीघ्र और सुलभ न्याय मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार विधि शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने, युवा अधिवक्ताओं को मेंटरशिप उपलब्ध कराने और महिला अधिवक्ताओं के लिए सुरक्षित एवं अनुकूल वातावरण सुनिश्चित करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में सख्त नकल-विरोधी कानून लागू किया गया है और समान नागरिक संहिता (UCC) जैसे ऐतिहासिक निर्णयों से उत्तराखंड ने राष्ट्र को नई दिशा दी है।
कार्यक्रम में विधायक विनोद चमोली, सचिव गृह शैलेश बगौली, पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, निदेशक अभियोजन ए.पी. अंशुमान, सहित पुलिस व अभियोजन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

