हल्द्वानी – शहर का एकमात्र मिनी स्टेडियम इन दिनों बदहाल स्थिति में है। जहां कभी खिलाड़ियों की हर किक के साथ हरियाली झूमती थी, वहीं अब मैदान की घास सूखकर धूल का मैदान बन चुकी है। वजह — पाइपलाइन की खराबी और सिस्टम की अनदेखी।
करीब एक माह पूर्व स्टेडियम की पानी की मोटर खराब हो गई थी, जिसके चलते मैदान की सिंचाई बंद हो गई। अमर उजाला में खबर प्रकाशित होने के बाद मोटर की मरम्मत तो करा दी गई, लेकिन अब पानी पहुंचाने वाली पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो गई है। इस कारण मैदान तक पानी नहीं पहुंच पा रहा और फुटबॉल ग्राउंड की हरियाली धीरे-धीरे खत्म हो रही है।
यह वही मैदान है जहां फुटबॉल के साथ-साथ हॉकी खिलाड़ी भी नियमित अभ्यास करते हैं। लेकिन अब मैदान की हालत ऐसी हो गई है कि घास उखड़ चुकी है, और जगह-जगह सूखी मिट्टी दिखाई दे रही है। खिलाड़ियों को हर अभ्यास सत्र में धूल और असमान सतह से दो-दो हाथ करने पड़ रहे हैं।

हाल ही में 16 से 21 नवंबर तक राज्य स्तरीय फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन यहीं हुआ था। छह दिनों तक चले मुकाबलों में मैदान की खराब स्थिति ने खिलाड़ियों की कठिन परीक्षा ली। हर किक पर उठती धूल ने खिलाड़ियों को परेशान किया और दर्शकों को निराश।
जिला क्रीड़ा अधिकारी निर्मला पंत ने बताया कि “मैदान की सिंचाई के लिए मोटर को सही कर दिया गया है, लेकिन मुख्य पाइपलाइन क्षतिग्रस्त है। कर्मचारी अस्थायी रूप से पाइप से पानी दे रहे हैं। जल्द नई पाइपलाइन लगाई जाएगी।”
स्थानीय खिलाड़ियों का कहना है कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो मैदान की स्थिति और बिगड़ सकती है। यह मैदान शहर के सैकड़ों खिलाड़ियों की सपनों की भूमि है, लेकिन लापरवाही और तकनीकी खामियों से अब यह हरियाली नहीं, धूल उड़ाने वाला मैदान बन चुका है।

