हरिद्वार – जनपद में नवजात शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से संचालित संकल्प प्रोजेक्ट की प्रगति पर मुख्य विकास अधिकारी ललित नारायण मिश्रा की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रोजेक्ट के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी ली गई।
स्वामी राम हिमालयन संस्थान, जॉलीग्रांट के उपनिदेशक डॉ. राजीव बिज्लवान ने बताया कि यह प्रोजेक्ट आईसीएमआर और नीति आयोग भारत सरकार के सहयोग से वर्ष 2024 से जनपद में लागू किया गया है। परियोजना का लक्ष्य नवजात शिशु मृत्यु दर को एकल अंक में लाना है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में जहां नवजात मृत्यु दर 30 प्रतिशत थी, वहीं संकल्प प्रोजेक्ट के तहत लगातार प्रयासों से यह दर छह माह में घटकर 17 प्रतिशत हो गई है। इसे और कम करते हुए एकल अंक तक लाना परियोजना का प्रमुख उद्देश्य है।
मुख्य विकास अधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करें ताकि जनपद में नवजात मृत्यु दर में प्रभावी कमी लाई जा सके। उन्होंने चिकित्सालय रुड़की में मां–नवजात शिशु क्रिटिकल केयर सेंटर स्थापित करने हेतु आवश्यक कार्यवाही तत्काल शुरू करने के भी निर्देश दिए।

इस अवसर पर आईसीएमआर टीम ने चिकित्सालय रुड़की का निरीक्षण भी किया। बैठक में आईसीएमआर के वैज्ञानिक डॉ. अमलीन शुक्ला, डॉ. कपिल जोशी, हिमालयन इंस्टीट्यूट के वाइस चांसलर अशोक देवराड़ी, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल कुमार वर्मा, तथा स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

