कोटद्वार- राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कोटद्वार में छात्राओं और प्राध्यापकों ने कॉलेजों में मोबाइल एप के माध्यम से सेल्फी लेकर उपस्थिति दर्ज करने की नई व्यवस्था पर गहरी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि यह प्रणाली न केवल अव्यावहारिक है, बल्कि इससे छात्राओं की निजता और सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
नवीनतम निर्देशों के तहत छात्रों की 75 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए ‘जियो टेक’ नामक मोबाइल एप का प्रयोग अनिवार्य किया गया है, जिसमें कक्षा में प्रवेश के समय छात्र-छात्राओं को सेल्फी लेकर अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होती है। इस प्रणाली को लागू करने का उद्देश्य उपस्थिति में पारदर्शिता और अनुशासन लाना था, लेकिन इसे लेकर जमीनी स्तर पर विरोध शुरू हो गया है।
महाविद्यालय के प्राध्यापक संघ ने इस व्यवस्था के खिलाफ एक आधिकारिक ज्ञापन प्राचार्य के माध्यम से उच्च शिक्षा विभाग को प्रेषित किया है। ज्ञापन में कहा गया है कि कक्षाओं में शिक्षकों की उपस्थिति में सेल्फी खींचने से कई छात्राएं असहज महसूस करती हैं। उन्हें अपनी निजता भंग होने तथा फोटो/डेटा के दुरुपयोग की आशंका सता रही है। इससे न केवल कक्षा का अनुशासन प्रभावित हो रहा है, बल्कि पढ़ाई का वातावरण भी बाधित हो रहा है।

प्राध्यापक संघ ने यह भी उल्लेख किया कि सेल्फी लेने की प्रक्रिया व्यावहारिक दृष्टि से भी जटिल है। नेटवर्क की समस्या, एप की तकनीकी खामियाँ और समय की बर्बादी जैसे मुद्दे इस प्रणाली की उपयोगिता पर सवाल उठाते हैं।
संघ ने सुझाव दिया है कि इस प्रणाली के स्थान पर बायोमैट्रिक उपस्थिति प्रणाली को लागू किया जाए, जो तकनीकी रूप से अधिक विश्वसनीय, सटीक और गरिमापूर्ण है। इसके माध्यम से छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बिना किसी मानसिक दबाव या असहजता के सुनिश्चित की जा सकती है।
ज्ञापन में इस बात पर भी बल दिया गया कि शिक्षकों और छात्रों, दोनों के हित में निर्णय लिया जाना चाहिए, जिससे शिक्षा का वातावरण स्वस्थ और सकारात्मक बना रहे।
महाविद्यालय प्रशासन द्वारा प्राप्त इस ज्ञापन को उच्च शिक्षा विभाग तक पहुँचाया गया है, और आशा की जा रही है कि विभाग इस विषय पर गंभीरता से विचार करेगा।