हल्द्वानी – जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में सीएम हेल्पलाइन और जन समर्पण पोर्टल पर प्राप्त जन शिकायतों के निस्तारण की समीक्षा बैठक आयोजित की। बैठक के दौरान डीएम ने जन शिकायतों के त्वरित, गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध निस्तारण को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शिकायतों के समाधान में किसी भी स्तर पर अनावश्यक देरी या लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा।
डीएम प्रशांत आर्य ने कहा कि नागरिकों की शिकायतों का संतोषजनक समाधान सुनिश्चित करना प्रशासन की पहली जिम्मेदारी है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि शिकायतों की प्रकृति के अनुसार उनका वर्गीकरण और संबंधित विभागों को समय पर हस्तांतरण किया जाए, ताकि निस्तारण प्रक्रिया में पारदर्शिता और गति बनी रहे।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने विभागवार और अधिकारीवार शिकायतों की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने विशेष रूप से उन विभागों पर नाराजगी जताई, जहां शिकायतों के निस्तारण की दर धीमी है या फीडबैक संतोषजनक नहीं मिला है। डीएम ने ऐसे विभागों को चेतावनी देते हुए कहा कि लंबित शिकायतों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण किया जाए, अन्यथा जिम्मेदारी तय की जाएगी।

उन्होंने कहा कि सीएम हेल्पलाइन और जन समर्पण पोर्टल जन अपेक्षाओं से जुड़े अहम मंच हैं, जिनका उद्देश्य जनता की समस्याओं का त्वरित और प्रभावी समाधान प्रदान करना है। प्रशासन की पारदर्शिता और जवाबदेही इन्हीं माध्यमों से परिलक्षित होती है।
इस दौरान डीएम ने यह भी कहा कि अधिकारी शिकायतों के निस्तारण के बाद फीडबैक की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आवेदक समाधान से वास्तव में संतुष्ट है। उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए कि शिकायतों के निस्तारण की स्थिति की नियमित मॉनिटरिंग रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
बैठक में जनपद के समस्त विभागाध्यक्ष वीसी (वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग) के माध्यम से जुड़े और अपनी विभागीय स्थिति की जानकारी प्रस्तुत की। जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि “जन संतुष्टि ही सुशासन की पहचान है”, इसलिए प्रत्येक अधिकारी को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी शिकायतकर्ता को बार-बार कार्यालयों के चक्कर न काटने पड़ें।

