पौड़ी-सीएम पुष्कर सिंह धामी की सुरक्षा में तैनात पौड़ी निवासी जवान प्रमोद रावत की मौत के बाद उनके गांव और आस पास के क्षेत्र में शोक की लहर है कमांडो प्रमोद रावत मूल रुप से कल्जीखाल ब्लाक के अगरोड़ा गांव का रहने वाले थे, प्रमोद रावत परिवार सदस्य में हेमंत ने प्रमोद की संदिग्ध हालत में हुई मौत पर सवाल खड़े किए हैं और मौत के कारणों का पता लगाने के लिए जांच की मांग की है हेमंत ने बताया की प्रमोद की मौत को जिस प्रकार से आत्महत्या करार दिया जा रहा है उसकी वे घोर निन्दा करते हैं
हेमंत ने बताया की कमांडो प्रमोद रावत ने मौत से पहले अपने परिजनों से इस दिन तीन बार फोन कॉल से बातचीत की और बातचीत से भी वे किसी तरह के मानसिक तनाव में हो ऐसा प्रतीत नही हुआ अंतिम बार उन्होंने अपनी पत्नी से बात की जो कुछ रोज पहले ही अपने गांव अपने बालक के साथ गांव पहुंची थी इस बातचीत में भी प्रमोद ने सामान्य बात ही की और सीएम के दौरे का जिक्र किया जहां उन्होंने सीएम की सुरक्षा में जाना था परिजनों का मानना है की प्रमोद आत्महत्या जैसा कदम नही उठा सकता इसीलिए प्रमोद की मौत के कारणों की जांच होनी चाहिए, प्रमोद के गांव में उसकी माता और पिता ही रहते हैं,
पिता मातबर सिंह सेना से सेवानिवृत्त हैं, साथ ही उनकी अगरोड़ा बाजार में कपड़े की दुकान है, प्रमोद 4 बहने हैं, हेमंत ने बताया कि कुछ महीने पहले ही प्रमोद गांव आया था, जिसके बाद वह बच्चों को पढ़ाने के लिए देहरादून ले गया, प्रमोद के घर पर इसी माह की 25 जून से श्री भागवत कथा आयोजित की जानी थी, घटना की सूचना मिलने पर प्रमोद के पिता मातबर सिंह, ग्राम प्रधान सहित कुछ अन्य ग्रामीण देहरादून को रवाना हो गए थे परिजनों ने कहा इस घटना की निष्पक्ष जांच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा नहीं करवाई जाती है तो आगामी दिनों में वे क्षेत्र के लोगों के साथ मिलकर जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी सरकार व प्रशासन की होगी, प्रमोद की मौत के शोक पर आज अगरोड़ा बाजार को भी व्यापारियों ने बंद किया है