उत्तराखण्ड उधम सिंह नगर ज़रा हटके

जनपद उधम सिंह नगर में अवैध रूप से काबिज अतिक्रमणकारियों के खिलाफ प्रशासन ने की बड़ी कार्रवाई….

ख़बर शेयर करें -

जनपद उधम सिंह नगर के खटीमा में पीलीभीत रोड स्थित वन विभाग की जमीन पर अवैध रूप से काबिज 31 अतिक्रमणकारियों के खिलाफ एसडीओ वन विभाग संतोष पंत, सुरई वन रेंज अधिकारी सुधीर कुमार, एसडीएम रविंद्र बिष्ट, पुलिस बल तथा राजस्व विभाग की टीम द्वारा हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में आज बड़ी कार्रवाई की गई। आपको बता दें कि साल बोझी कक्ष संख्या 1 में वन विभाग की जमीन पर विगत कई वर्षों से 31 लोगों ने अवैध रूप से अतिक्रमण किया हुआ है, जिसमें 8 लोगों को पूर्व में कई बार नोटिस भी दिया गया था

यह भी पढ़ें 👉  एक भी मकान नहीं टूटने दूंगा – अतिक्रमण पर प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ सुमित हृदयेश का ऐलान….

 

साथ ही अतिक्रमण कारी अपने बचाव में कोर्ट की शरण मे भी गए थे किंतु कोर्ट से हार चुके हैं। इसी क्रम में आज हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में पुनः वन विभाग, राजस्व विभाग, पुलिस प्रशासन तथा एसडीएम की उपस्थिति में अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कुछ अतिक्रमण को ध्वस्त किया गया। वहीं वन विभाग की वास्तविक जमीन को मार्किंग भी किया गया। साथ ही एसडीएम द्वारा अतिक्रमणकारियों को आदेश की कॉपी उपलब्ध कराने तथा स्थाई निर्माण को खाली करने हेतु एक निश्चित समय देने के लिए वन विभाग को निर्देशित किया गया।

यह भी पढ़ें 👉  लगातार बारिश से हल्द्वानी में संकट, कोल्हापुर क्षेत्र में चेक डैम बहा, निर्माण कार्य प्रभावित….

 

तत्पश्चात यदि अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो  ध्वस्तीकरण करने की कार्रवाई करने की बात कही गई। वहीं इस मामले में वन विभाग के एसडीओ संतोष पंत ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में आज खटीमा के साल बोझी कक्ष  संख्या 1 से अवैध अतिक्रमण को ध्वस्त किया गया। वहीं इस मामले में खटीमा एसडीएम रविंद्र बिष्ट ने बताया कि वन विभाग की जमीन पर अवैध रूप से किए गए अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की गई।

 

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड पंचायत चुनाव पर कोर्ट की रोक: आरक्षण की खामियों ने रोकी लोकतंत्र की राह….

उन्होंने कहा कि  अतिक्रमणकारी इस मामले में कोर्ट भी गए थे जहां से वह हार चुके हैं। फिलहाल इस मामले में स्थाई निर्माण से छेड़छाड़ न करते हुए वन विभाग की वास्तविक जमीन की मार्किंग के निर्देश दिए। साथ ही अतिक्रमणकारियों को खाली करने हेतु आदेश की प्रति देकर एक निश्चित समय देने की बात वन विभाग से कही गई है।