हल्द्वानी – हल्द्वानी के काठगोदाम क्षेत्र में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। बैली ब्रिज से एक या दो नहीं, बल्कि 70 नट-बोल्ट चोरी हो गए हैं। यह मामला उस समय सामने आया जब लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) के राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) डिवीजन के अधिकारियों ने पुल की मरम्मत का काम शुरू किया। चोरी की इस घटना ने न केवल प्रशासन, बल्कि स्थानीय लोगों को भी सकते में डाल दिया है।
चोरी की घटना और प्रशासन की चिंता
लोनिवि के अधिकारियों ने जब पुल का निरीक्षण किया, तो पाया कि पुल के कई हिस्सों से नट-बोल्ट गायब थे। जब इस मुद्दे को आयुक्त दीपक रावत के सामने उठाया गया, तो वह भी हैरान रह गए। पुल की सुरक्षा और स्थायित्व के लिहाज से यह बेहद गंभीर मामला है, क्योंकि इतने बड़े पैमाने पर नट-बोल्ट गायब होने से ब्रिज की संरचना कमजोर हो सकती थी, जिससे कोई बड़ी दुर्घटना भी हो सकती थी।
पुल की अहमियत और बढ़ता ट्रैफिक दबाव
काठगोदाम में कलसिया नाले पर पहले ब्रिटिश काल का पुल था, जो वर्ष 2021 तक काम कर रहा था। लेकिन यातायात का दबाव बढ़ने के कारण, वर्ष 2022 में लोनिवि ने इस पुराने पुल के समानांतर एक बैली ब्रिज का निर्माण किया। हाल के वर्षों में कैंची धाम आने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है, जिससे हल्द्वानी-काठगोदाम-रानीबाग मार्ग पर वाहनों का दबाव कई गुना बढ़ गया है। यही कारण है कि बैली ब्रिज से अब भारी और हल्के दोनों प्रकार के वाहन गुजरते हैं, जिससे पुल की नियमित देखभाल और मरम्मत जरूरी हो गई है।

चोरी कैसे हुई? बड़ा सवाल
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह पुल काठगोदाम पुलिस चौकी से मात्र 100 मीटर की दूरी पर स्थित है और यहां सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए हैं। दिन-रात इस पुल पर वाहनों की आवाजाही बनी रहती है, फिर भी कोई 70 बड़े नट-बोल्ट चुरा ले गया! इन नट-बोल्ट का वजन भी काफी अधिक होता है – प्रत्येक बोल्ट करीब 150 ग्राम से ज्यादा का होता है। ऐसे में यह चोरी किसी शरारती तत्व द्वारा नहीं, बल्कि किसी सुनियोजित गिरोह या स्क्रैप माफिया द्वारा किए जाने की आशंका जताई जा रही है।
अब क्या कर रहा है प्रशासन?
चोरी के बाद लोनिवि ने सुरक्षा की दृष्टि से पुल की तत्काल मरम्मत शुरू कर दी है, लेकिन अधिकारियों के मन में अब भी यह सवाल बना हुआ है कि आखिर इतनी कड़ी निगरानी के बावजूद इतनी बड़ी संख्या में नट-बोल्ट कैसे चोरी हो गए? क्या यह पुल की सुरक्षा में लापरवाही का नतीजा है या फिर किसी संगठित गिरोह की करतूत?
इस पूरे मामले को लेकर प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं, और पुलिस को निर्देश दिया गया है कि वह आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले और यह पता लगाए कि आखिर यह चोरी किसने और कैसे अंजाम दी। इस घटना के बाद पुल की सुरक्षा और निगरानी को और भी सख्त करने की जरूरत महसूस की जा रही है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। हल्द्वानी के काठगोदाम क्षेत्र में हुई यह चोरी पुलिस और प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।
जहां एक ओर यह सवाल उठता है कि इतने सुरक्षित स्थान से चोरी कैसे हुई, वहीं दूसरी ओर यह भी सोचना जरूरी है कि अगर समय रहते इस चोरी का पता न चलता, तो पुल की सुरक्षा को कितना बड़ा खतरा हो सकता था। अब देखना यह होगा कि पुलिस इस चोरी का पर्दाफाश कर पाती है या नहीं और प्रशासन इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाता है।