Uncategorized

चुनाव नहीं आसान: बारिश, मलबा और पैदल सफर से दो-चार होंगी पोलिंग टीमें…..

ख़बर शेयर करें -

नैनीताल – जुलाई की बरसात और दुर्गम पहाड़ियों के बीच होने वाले पंचायत चुनाव इस बार प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बनकर सामने आए हैं। नैनीताल जिले की 475 ग्राम पंचायतों में दो चरणों में होने वाले चुनावों की तिथि जैसे ही घोषित हुई, प्रशासन ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। लेकिन इस बार असली इम्तिहान होगा – उन पोलिंग पार्टियों का, जिन्हें मूसलधार बारिश और कच्चे रास्तों में कई किलोमीटर पैदल चलकर मतदान सामग्री पहुंचानी होगी।

दूरस्थ गांवों में पैदल पहुंचेंगी पोलिंग पार्टियां
जिले के ओखलकांडा और बेतालघाट ब्लॉक की 75-75 ग्राम पंचायतों में कई गांव सड़क मार्ग से 2 से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। ऐसे में बारिश की स्थिति में सड़कों पर मलबा गिरने और रास्ते बंद होने का खतरा बना रहेगा। धारी ब्लॉक की कुछ पंचायतों में भी पोलिंग पार्टियों को पैदल ही पहुंचना पड़ेगा।

प्रशासन ने की खास तैयारियां

एडीएम नैनीताल विवेक राय ने बताया कि मतदान कर्मियों को वॉटरप्रूफ टेंट, बरसात से बचाव का सामान, और आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं ताकि उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत न हो। मतदान नहीं करने वाले ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए संवाद कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।

चुनौती सिर्फ पहुंचने की नहीं, मतदान बढ़ाने की भी
वर्ष 2019 में जिले में कुल मतदान प्रतिशत 75.06 था। इस बार आयोग की ओर से बरसात के मौसम में चुनाव कराने का निर्णय लिया गया है, जिससे मतदान प्रतिशत बढ़ाना भी एक बड़ी चुनौती होगा। पिछली बार भीमताल ब्लॉक में सबसे अधिक 80.38% और बेतालघाट में सबसे कम 65.52% मतदान हुआ था।

प्रशिक्षण और दिशा-निर्देश जारी

भीमताल विकास भवन सभागार में चुनाव से जुड़े अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया। सीडीओ अनामिका ने आचार संहिता के सख्त पालन और किसी भी समस्या की स्थिति में तुरंत कंट्रोल रूम से संपर्क करने के निर्देश दिए।
जिला शिक्षा अधिकारी हर्ष बहादुर चंद ने बताया कि मतपत्र रंग के आधार पर अलग होंगे – ग्राम पंचायत सदस्य के लिए सफेद, ग्राम प्रधान के लिए हरा, क्षेत्र पंचायत के लिए नीला, और जिला पंचायत के लिए गुलाबी।

महत्वपूर्ण नियमों की जानकारी दी गई

25 जुलाई 2019 के बाद जिनके दो से अधिक बच्चे हैं, वे चुनाव के अर्ह नहीं होंगे। राज्य या केंद्र योजनाओं से मानदेय लेने वाले भी चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। 2 जुलाई को हल्द्वानी स्थित ईटीसी बागजाला में जोनल और सेक्टर मजिस्ट्रेट का प्रशिक्षण होगा।